महाराष्ट्र में पावर के लिए पवार नए राजनीतिक समीकरण बनाने में जुट गए हैं. एनसीपी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक शरद पवार गुरुवार को नई दिल्ली में बीएसपी प्रमुख मायावती से मुलाकात कर सकते हैं. इंडिया टुडे ग्रुप को मिली जानकारी के मुताबिक पवार आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीएसपी से गठबंधन को लेकर बात करने वाले हैं, क्योंकि अगर ऐसा होता है तो मराठा-दलित वोट बैंक को एक साथ साधा जा सकता है.
दरअसल, महाराष्ट्र के दलित समुदाय में मायावती की पार्टी की अच्छी पैठ है. खासकर विदर्भ में बीएसपी का वोट फीसद बहुत ही अच्छा है. हालांकि पार्टी को इलाके में एक भी सीट नहीं मिली है, लेकिन माना जाता है कि क्षेत्र में बीएसपी से कांग्रेस-एनसीपी के गठबंधन को बहुत नुकसान हुआ है. ऐसे में अगर राज्य में नए राजनीतिक समीकरण बनते हैं तो सवाल यह भी उठता है कि क्या पवार कांग्रेस का साथ छोड़ देंगे?
महाराष्ट्र में गठबंधन की राजनीति का जो मौजूदा स्वरूप है उसमें शिवसेना-बीजेपी गठबंधन ने लोकसभा चुनाव में रामदास अटावले के जरिए दलित वोट जुटाने में सफलता हासिल की है. ऐसे में किसी भी गठबंधन के लिए विधानसभा चुनाव के दौरान इसमें सेंध लगाना जरूरी हो गया है. शरद पवार के इस कदम को मराठा-दलित वोट के लिए सोशल इंजीनियरिंग की कवायद के रूप में भी देखा जा रहा है. एनसीपी मराठा जाति के लिए आरक्षण को लेकर पहले से आवाज बुलंद किए हुए है जबकि सरकार का कहना है कि वह आरक्षण के मामले से दूर रहना चाहती है, क्योंकि इससे ओबीसी समुदाय में गलत संदेश जाएगा.