शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने साफ कर दिया है कि उसका विलय कांग्रेस में नहीं होगा. एनसीपी का कहना है कि उन्हें कांग्रेस की तरफ से ऐसा कोई भी ऑफर नहीं मिला है. एनसीपी ने कहा, 'हमारा संगठन अलग है और विलय का सवाल ही नहीं उठता.'
वहीं एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार का कहना है कि वह किसी भी पद के इच्छुक नहीं हैं. अब महाराष्ट्र की राजनिति में वापस भी नहीं लौटना चाहते हैं. चाहे सवाल मुख्यमंत्री पद का ही क्यों न हो. पवार ने आज तक से कहा कि उन्हें कांग्रेस ने महाराष्ट्र में गठबंधन के चुनाव प्रचार का नेतृत्व करने का ऑफर जरूर दिया है.
दरअसल, मीडिया में ऐसी खबरें आई थीं कि कांग्रेस ने एनसीपी को अपने में विलय करने और शरद पवार को आगामी विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र की अगुवाई करने का ऑफर दिया था. सूत्रों के मुताबिक पर्दे के पीछे कांग्रेस अपने ऑफर पर काम कर रही है. हालांकि एनसीपी के इस बयान के बाद बहुत हद तक ये संभावनाएं खारिज हो गई हैं.
गौरतलब है कि विलासराव देशमुख के निधन के बाद से राज्य में कांग्रेस के पास कोई बड़ा मराठा चेहरा नहीं है. ऐसे में कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद शरद पवार को ये बड़ा ऑफर दिया है.
पृथ्वीराज चव्हाण की किस्मत तय करेंगे राहुल गांधी
दूसरी तरफ, सत्ता परिवर्तन की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण शनिवार को दिनभर दिल्ली में कांग्रेस के आला नेताओं से मिलते रहे. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, ए के एंटनी, अहमद पटेल और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक पृथ्वीराज चव्हाण ने पार्टी आलाकमान से कहा कि महाराष्ट्र के लिए अनिश्चितता की स्थिति ठीक नहीं है.
उन्होंने सोनिया गांधी को ये भी बताया किस तरह उनके खिलाफ पार्टी के भीतर अभियान चल रहा है. बताया जाता है कि सोनिया गांधी ने चव्हाण से कहा कि उनके खिलाफ कुछ शिकायतें मिल रही हैं. इस पर चव्हाण ने अपनी स्थिति साफ की. खबर है कि चव्हाण की किस्मत का फैसला राहुल गांधी करेंगे जो फिलहाल विदेश में हैं. सूत्रों का कहना है कि सुशील कुमार शिंदे सीएम बनने के इच्छुक नहीं हैं.