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शिंदे गुट बना रहा 'नया शिवसेना भवन', देगा उद्धव ठाकरे की सत्ता को नई चुनौती!

शिवसेना से टूटकर अलग होने वाला शिंदे गुट अब नए सिरे से उद्धव ठाकरे की सत्ता को चुनौती देने की तैयारी में है. शिंदे गुट खुद को ही मूल शिवसेना बता रहा है और अब इसी बात को साबित करने के लिए उसने एक 'नया शिवसेना भवन' बनाने का फैसला किया है. सबसे बड़ी बात ये है कि ये भवन भी मौजूदा शिवसेना भवन वाले इलाके में ही

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मौजूदा शिवसेना भवन और एकनाथ शिंदे
मौजूदा शिवसेना भवन और एकनाथ शिंदे
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दादर में ही बनेगा नया मुख्यालय
  • शिंदे गुट जल्द शुरू करेगा पार्टी शाखा

आखिर किसकी होगी शिवसेना? पार्टी से टूटकर अलग हुआ शिंदे गुट लगातार खुद को मजबूत करने में जुटा है. शिवसेना पर आधिपत्य को लेकर दोनों गुटों की जंग सुप्रीम कोर्ट पहले ही पहुंच चुकी है और इस पर फैसला आना अभी बाकी है. लेकिन शिंदे गुट कोई कसर छोड़ने के मूड में नहीं दिख रहा है. उसने उद्धव ठाकरे की सत्ता को नई चुनौती देने का मन बना लिया है और इसके लिए वह खुद का 'शिवसेना भवन' बनाने जा रहा है. शिंदे गुट का ये मुख्यालय भी दादर में होगा, जहां पहले से ही शिवसेना का मुख्यालय मौजूद है.

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शिंदे गुट अलग होने के बाद से ही खुद को मूल पार्टी बता रहा है. पार्टी के कार्यकर्ताओं पर पकड़ मजबूत करने के लिए वह एक सेंट्रल कमांड ऑफिस बनाना चाहता है और गुट के नेताओं का मानना है कि दादर इसके लिए हर लिहाज से बेहतर स्थान है. नया मुख्यालय बनाने के लिए अंतिम फैसला लेने से पहले कुछ जगहों की पहचान भी की गई है.

शिवसेना का मौजूदाा मुख्यालय यानी शिव सेना भवन दादर में ही है. इतना ही नहीं, राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का मुख्यालय भी दादर इलाके में ही है. शिंदे गुट ना सिर्फ खुद का शिवसेना भवन बनाने पर ध्यान दे रहा है, बल्कि वह पार्टी के मूल काडर तक पहुंचने के लिए मौजूदा शाखा प्रणाली को भी स्थापित करने पर गौर कर रहा है.

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बाल ठाकरे के समय शिवसेना ने आम लोगों के बीच पहुंच बनाने और जमीनी स्तर पर संवाद स्थापित करने के लिए शाखा स्थापित की थीं. शिवसेना को जन-जन की पार्टी बनाने और महाराष्ट्र की राजनीति में मजबूती से जमाए रखने में इन शाखाओं की अहम भूमिका रही है. शिंदे गुट अब अपनी खुद की शाखाएं बनाने पर विचार कर रहा है, ताकि जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ को मजबूत बना सके. यानी देखा जाए तो खुद का शिवसेना भवन बनाकर और शाखाएं स्थापित कर शिंदे गुट लगता है कि उद्धव ठाकरे की सत्ता को तगड़ी चुनौती दे रहा है.

इस बारे में कैबिनेट मंत्री उदय सामंत का कहना है कि दादर में प्रस्तावित शिव सेना भवन को लेकर लोगों के मन में भ्रम है. एकनाथ शिंदे लोगों से बातचीत करने के लिए बस एक केन्द्रीय कार्यालय चाहते हैं. वहीं शिंदे गुट के एक अन्य नेता सदा सरवणकर का कहना है कि दादर का चुनाव इसलिए किया गया क्योंकि दादर बिलकुल बीच में पड़ता है. वहीं दादर में शिवाजी पार्क है, बाला साहब ठाकरे और वीर सावरकर का स्मारक है. यहीं पर चैत्यभूमि है. इसलिए एकनाथ शिंदे ने इस जगह के लिए हामी भर दी है.  एक अन्य नेता ने कहा कि शिंदे गुट के नेता मौजूदा शिवसेना भवन पर कोई दावा नहीं कर रहा है. हम बस एक जगह ढूंढ रहे हैं जहां मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे लोगों के साथ बातचीत कर सकें. इस तरह की जगह राज्य के हर जिले में बनाई जाएगी.

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