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शिंदे सरकार ने औरंगाबाद व उस्मानाबाद का नाम बदलने के प्रस्ताव पर लगाई रोक, शिवसेना ने साधा निशाना

महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने उद्धव सरकार के औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी है. शिंदे सरकार ने उन चार फैसलों को बहाल कर दिया है, जिन्हें 2015-2019 में देवेंद्र फडणवीस सरकार ने शुरू किया था और 2019 के बाद उद्धव के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार ने रद्द किया था.

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प्रेस कान्फ्रेंस करते शिवसेना के नेता.
प्रेस कान्फ्रेंस करते शिवसेना के नेता.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'दो पहियों की सरकार हिंदुत्व के साथ नहीं'
  • पूर्व सांसद और विधायक ने किए तीखे प्रहार

महाराष्ट्र में तत्कालीन उद्धव ठाकरे सरकार ने कैबिनेट में औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने का फैसला लिया था. इसके बाद महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने दोनों शहरों का नाम बदलने पर एक तरह से रोक लगा दी है.

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इस पर शिवसेना के पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे ने भाजपा और एकनाथ शिंदे सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह हमेशा औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर कहते हैं, लेकिन नाम का श्रेय लेने के लिए इस सरकार ने तत्कालीन उद्धव सरकार के फैसले पर रोक लगाई है. चंद्रकांत खैरे ने कहा कि अगर यह असली हिंदुत्व को मानते हैं तो इन लोगों को एक महीने में औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर केंद्र से पारित करवाकर लाना चाहिए.

शिवसेना विधायक अंबादास दानवे ने कहा कि शिवसेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने का फैसला किया था, जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने दोनों शहरों का नाम बदला था, लेकिन इस डबल पहिए की सरकार ने औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर किए जाने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी है.

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अंबादास दानवे ने कहा कि शिंदे सरकार कहती है कि वह हिंदुत्व के लिए लड़ रही है, लेकिन यह सरकार संभाजी महाराज का आदर नहीं कर रही है. इसी को देखते हुए शहर के नाम बदलने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी है. औरंगाबाद के लोगों का दिल दुखाया है.

बता दें कि महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने उद्धव सरकार के औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी है. इसी के साथ शिंदे सरकार ने उन चार फैसलों को भी बहाल कर दिया, जिन्हें 2015-2019 में देवेंद्र फडणवीस सरकार ने शुरू किया था और 2019 के बाद उद्धव के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार ने रद्द किया था.

(रिपोर्टः इसरार चिश्ती)

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