महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन की राह आसान करने के लिए बीजेपी की ओर से नया दांव खेले जाने की संभावना है. देवेंद्र फडणवीस सरकार के कार्यकाल के अंतिम पड़ाव में जल्दी होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में शिवसेना को बीजेपी उपमुख्यमंत्री पद की पेशकश कर सकती है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस ने जैसे संकेत दिए हैं उनके मुताबिक अगले कुछ दिनों में उनके मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. हालांकि नए शामिल होने वाले मंत्रियों के लिए विधानसभा का कार्यकाल थोड़ा ही रहने की वजह से ज्यादा कुछ कर दिखाने के लिए नहीं होगी. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने बाक़ी है. ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार को व्यावहरिक कम राजनीतिक ज़रूरत से ज्यादा जोड़ कर देखा जा रहा है. संविधान के मुताबिक महाराष्ट्र में अधिकतम 42 मंत्री हो सकते हैं लेकिन फिलहाल राज्य में 38 ही मंत्री हैं. महाराष्ट्र कैबिनेट का विस्तार लंबे समय से लंबित है.
पिछले विधानसभा चुनाव के बाद जब शिवसेना ने देवेंद्र फडणवीस सरकार को समर्थन देने और सरकार में शामिल होने का फैसला किया था तो उसे उपमुख्यमंत्री पद नहीं दिया गया था. अब जब विधानसभा का साढ़े चार साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है और इस में ज्यादातर अवधि में सरकार में रहते हुए भी शिवसेना का बीजेपी से लगातार टकराव बना रहा. 2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दोनों पार्टियों में गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने पर सहमति बनी.
ऐसी सूरत में विधानसभा चुनाव पास देख कर शिवसेना को उपमुख्यमंत्री पद की पेशकश की. सूत्रों के मुताबिक शिवसेना के वरिष्ठ मंत्री सुभाष देसाई को उपमुख्यमंत्री की कुर्सी मिल सकती है बशर्ते कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बीजेपी के इस प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाएं.
ऐसी भी चर्चा है कि राज्य में पूर्व नेता विपक्ष राधाकृष्णन विखे पाटिल के बीजेपी में शामिल होने की स्थिति में उनका भी मंत्रिमंडल में शामिल होना तय माना जा रहा है. वहीं एनसीपी छोड़ कर शिवसेना में शामिल हुए जयदत्त क्षीरसागर को भी मंत्रिमंडल विस्तार में स्थान मिल सकता है.
हालांकि शिवसेना और बीजेपी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बराबर की सीटों के आधार पर गठबंधन का एलान कर चुकी हैं लेकिन जहां तक चुनाव के बाद जीत की स्थिति में मुख्यमंत्री का सवाल है तो दोनों में पेंच बरकरार नज़र आता है.
शिवसेना का कहना है कि ये तय किया जा चुका है कि मुख्यमंत्री का कार्यकाल ढाई-ढाई साल की अवधि के लिए दोनों पार्टियों के पास रहेगा, वहीं बीजेपी ने साफ किया है कि ऐसा कोई वादा नहीं किया गया है. ऐसा प्रतीत होता है कि इस मुद्दे पर खींचतान को कम करने के मकसद से ही बीजेपी की ओर से शिवसेना को फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार में उपमुख्यमंत्री पद देने का दांव चला जा सकता है.