बीएमसी अधिकारी पर कथित तौर पर हमला करने के बाद सोमवार देर रात शिव सेना (यूबीटी) के चार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था और अनिल परब सहित लगभग 25 अन्य लोगों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत पुलिस मामला दर्ज किया गया था
जानकारी के अनुसार, गुरुवार (22 जून) को बांद्रा पूर्व के निर्मल नगर में एक अवैध शाखा कार्यालय को ध्वस्त कर दिया गया. इसके बाद उद्धव गुट के नेताओं ने बीएमसी अधिकारी की पिटाई कर दी. मुंबई पुलिस ने पुष्टि की कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान सदा परब, हाजी अलीम, उदय दलवी और संतोष कदम के रूप में की गई है. अनिल परब के साथ आए शिवसैनिकों ने दावा किया कि कार्यकर्ताओं द्वारा बार-बार अनुरोध किए जाने के बावजूद कि उन्हें कार्यालय को गिराने से पहले कार्यालय से पोस्टर हटाने की अनुमति दी गई थी. BMC अधिकारियों ने दिवंगत नेता बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर के साथ ऑफिस को ध्वस्त कर दिया था.
मारपीट में बदली बहस
इस मामले को लेकर BMC अधिकारी और उद्धव गुट के शिवसैनिक ऑफिस में खड़े होकर बातचीत कर रहे थे. तभी माहौल गरमा गया और बहस ने तब हिंसक रूप ले लिया जब सेना (यूबीटी) के कार्यकर्ता बांद्रा पूर्व में बीएमसी वार्ड कार्यालय में घुस गए और अधिकारी के साथ मारपीट की. समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में बीएमसी कार्यालय में अराजकता दिखाई दे रही है.
राउत ने मारपीट को उचित ठहराया
इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने बीएमसी अधिकारी के साथ मारपीट की घटना को उचित ठहराया और कहा कि लोग गुस्से में थे और इसलिए उन्होंने हाथ उठाया. राउत ने कहा, 'यह लोगों के मन में व्याप्त भावना थी जो फूट पड़ी. उन्होंने शिवसेना शाखा के 40 साल पुराने कार्यालय को ध्वस्त कर दिया. जब उन्होंने बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर पर हथौड़ा मारा तो हमारी आंखों में आंसू आ गए.' राउत ने आगे कहा, 'लोग गुस्से में थे और इसलिए उन्होंने हाथ उठाया, ठीक है, हम जेल जाएंगे.'
बताते चलें कि उद्धव ठाकरे गुट के लोगों का कहना है कि जिस वक्त शाखा को तोड़ा जा रहा था. तब बालासाहेब ठाकरे और छत्रपति शिवाजी महाराज की फोटो पर भी अधिकारियों ने हथोड़ा चलाया था. बीएमसी अधिकारियों ने तस्वीरों को निकालने का वक्त भी नहीं दिया. इसलिए शिव सैनिकों (शिवसेना कार्यकर्ताओं) के मन में गुस्सा है. इस मामले में स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिव सैनिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता अनिल परब की मौजूदगी में बीएमसी के कर्मचारी के साथ मारपीट की गई है.
क्या है ऑफिस गिराने का मामला?
बता दें कि शिवसेना UBT गुट के एक शाखा को मुंबई मुंबई महानगर पालिका ने तोड़ दिया था. शिवसेना UBT पार्टी के नेता अनिल परब ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ महानगरपालिका की वार्ड ऑफिस में गए और उन्होंने आरोप लगाया कि जब कार्यालय तोड़ा गया उस वक्त बालासाहेब ठाकरे की तस्वीरें और शिवाजी महाराज की मूर्ति थीं और उन्हें भी नुकसान पहुंचा. BMC कर्मचारियों ने उसे निकालने का भी वक्त नहीं दिया.