शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए कांग्रेस और एनसीपी पर जमकर निशाना साधा है. शिवसेना के मुताबिक चुनाव के मद्देनजर राज्य के मुख्यमंत्री काम करने लगे हैं और आचारसंहिता के पहले ज्यादा से ज्यादा रुकी फाइलों को क्लियर करने का काम बखूबी कर रहे हैं.
सामना के संपादकीय में कांग्रेस और एनसीपी पर यह भी आरोप लगाया गया है कि विज्ञापनों के जरिए राज्य सरकार अपनी उपलब्धियां गिनाने का काम कर रही है, लेकिन जिस तरह कांग्रेस और एनसीपी छटपटा रही हैं, उससे यह तो साफ है कि इन दोनों पार्टियों को यह विश्वास है की इस बार जनता उन्हें कुर्सी से हटा देगी.
शिवसेना के मुताबिक मंगलवार को आचारसंहिता पर मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बैठक बुलाकर फैसलों की खैरात बांटी. पिछड़े जाति के लोगों की राज्य सरकार को चुनाव के पहले याद आई है, इसलिए वडार के साथ ही कैकाड़ी समाज के हित के लिए घोषणा की गई.
मुख्यमंत्री के काम को देखते हुए कम से कम नारायण राणे यह आरोप नहीं लगा सकते कि सीएम काम नहीं करते. इन दिनों मुख्यमंत्री ने बहुत सारी फाइल्स क्लियर की हैं. उन फाइल्स की आत्मा तो मंत्रालय में लगी आग में जल कर खाक हो गई थी. वहीं सामना में पूरे विश्वास के साथ यह भी कहा गया है कि सरकार की विदाई के साथ उन फाइल्स को भी थोड़ी प्रतिष्ठा मिल जाएगी जो इतने सालों से धूल खा रही थी.