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उद्धव ठाकरे ने कल शिवसेना की बैठक बुलाई, चुनावी तैयारी पर होगी बात

शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को अपने आवास मातोश्री पर शिवसेना विधायकों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में चुनाव रणनीति पर चर्चा होगी.

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शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मतोश्री पर बुलाई बैठक (फाइल फोटो-ANI)
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मतोश्री पर बुलाई बैठक (फाइल फोटो-ANI)

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  • शिवसेना ने मतोश्री पर बुलाई शिवसेना विधायकों की बैठक
  • विधानसभा चुनावों के मद्देनजर तैयारियों पर होगी चर्चा

शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को अपने आवास मातोश्री पर शिवसेना विधायकों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में चुनाव रणनीति पर चर्चा होगी. मंगलवार 12 बजे बैठक आयोजित है जिसमें विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा की जाएगी.

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने शनिवार को विधानसभा चुनावों की घोषणा की. इसके बाद महाराष्ट्र में चुनाव के लिए पूरी तैयारी शुरू हो गई. महाराष्ट्र के 12 करोड़ लोग 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव 288 नए प्रतिनिधियों को चुनेंगे. इसके बाद 24 अक्टूबर को चुनाव का परिणाम घोषित किया जाएगा.

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), शिव सेना और उनके सहयोगी दल एक बार फिर राज्य की सत्ता हासिल करने का पूरा प्रयास करेंगे. वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) इन्हें सत्ता से बाहर करने के लिए पूरा जोर लगाएंगी.

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच सीट बंटवारे पर समझौता इस सप्ताह के अंत तक हो सकती है.

मुंबई स्थित भाजपा के एक सूत्र ने कहा कि जहां शिवसेना, बीजेपी के साथ बराबर सीट बांटना चाहती है और बची हुई सीटें गठबंधन की छोटी साझेदार पार्टियों में बांटना चाहती है, वहीं बीजेपी ज्यादा सीटें चाहती है.

दोनों दल अभी तक सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला नहीं ले पाए हैं, लेकिन मोटे तौर पर आम सहमति के फार्मूले पर पहुंच गए हैं, जिससे वे इस सप्ताहांत तक सीट बंटवारे पर समझौता कर सकेंगे.

288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के पास 122 सीटें हैं, वहीं शिवसेना के पास 63 सीटें हैं. बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे के ऐसे सूत्र पर समझौता चाहती है, जिस पर बीजेपी के पास 122 सीटें बनी रहें और शिवसेना पर उसके हिस्से की 63 सीटें रहें. शेष सीटों में से कुछ सीटें रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) जैसे गठबंधन के छोटे दलों को देने के बाद आपस में बराबर बांट ली जाएं.

(IANS इनपुट के साथ)

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