शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर एक बार फिर से निशाना साधा है. शिवसेना के मुखपत्र सामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि आज बीजेपी की राजनीति सत्ता के इर्द-गिर्द घूमती है. उन्होंने बीजेपी की विचारधारा पर भी सवाल दागे.
इसके अलावा उद्धव ठाकरे ने मॉब लिंचिंग और गोरक्षा जैसे मुद्दों पर भी बीजेपी को निशाने पर लिया. साथ ही हिंदुत्व को लेकर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि बालासाहेब ठाकरे जिस हिंदुत्व की बात करते थे, वो शिवाजी महाराज का हिंदुत्व था, लेकिन पिछले तीन साल से देश में जो हिंदुत्व का उन्माद चढ़ा है, वो सही नहीं है.
उद्धव ठाकरे का यह इंटरव्यू शिवसेना और बीजेपी के रिश्तों में आई दरार की खबरों के बीच आया है. पढ़िए कि आखिर उद्धव ठाकरे ने किन मुद्दों पर क्या कहा.....
संजय राउत- टीवी और प्रिंट मीडिया में आजकल चलने वाली खबरों के बारे में आपके क्या विचार हैं?
उद्धव ठाकरे- मेरे दादा और शिवसेना प्रमुख एक बात हमें बताते थे, जो उन्होंने आपको भी बताई है कि खबर हमेशा खबर जैसी होनी चाहिए. उसमें न ओपिनियन होना चाहिए और न ही कमेंट. अगर आपको ओपिनियन बनाना है या कमेंट करना है, तो उस खबर पर दूसरे दिन संपादकीय लेख लिखें. खबर हमेशा खबर जैसी लिखी जाए, लेकिन कई बार खबरे संपादकीय जैसी लगती है.
राउत - आपको पद्मश्री और पद्मविभूषण जैसी कोई उपाधि नहीं मिली है. फिर भी पिछले कुछ दिनों से आपके मित्र पक्ष के नेता आपको अलग-अलग उपाधियां दे रहे हैं?
ठाकरे - मुझे उनसे कोई उपाधि नहीं चाहिए.
राउत - जब कई बार आपको बांद्रा का डॉन और मफिया कहा गया, तो कैसा महसूस हुआ?
ठाकरे - अब रहने दीजिए, उसमें भी एक मजा है.
राउत - जब आपको ऐसी उपाधियां दी जाती हैं, तो कैसा लगता है?
ठाकरे - मेरी सलाह यही है कि दूसरे की चाटुकारिता करने से अच्छा है कि हम खुद बॉस बनें. जो दूसरों की चाटुकारिता कर रहे हैं, अगर उन्हें मैं बॉस लगता हूं, तो मुझे आनंद आता है.
राउत - आप एक बड़ी पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं. हाल फिलहाल में राज ठाकरे ने आपके व्यंगचित्र बनाए थे. क्या आपने उनको देखा है?
उद्धव ठाकरे - वो कहीं प्रदर्शित नहीं हुआ है. यह चित्र मेरे सामने नहीं आया है.
राउत - नारायण राणे के बीजेपी के साथ जाने पर आपका क्या कहना है?
ठाकरे - मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं.
राउत - भुजबल ने जेल से बाहर आने के बाद आखिरकार आपको मिठाई क्यों भेजी? ये वही भुजबल है, जिसने शिवसेना छोड़ने के बाद बालासाहेब को परेशान किया था.
ठाकरे - अगर उनमें अपने अनुभवों से मिठापन आया है, तो मैं क्या करूं.
राउत - राज ठाकरे ने आपके पार्षद तोड़े, इस पर आपका क्या कहना है?
उद्धव ठाकरे - किसी को तोड़कर शिवसेना नहीं बनी है. शिवसेना की स्थापना इसी नाम से हुई, आज भी यही नाम है और कल भी यही रहेगा. शिवसेना ने कभी अपना नाम, नेता और निशान किसी को तोड़कर नहीं बनाया. मनसे शिवसेना के लोगों को तोड़कर ले गई और फिर वो वापस आ गए, तो उनको क्या फायदा हुआ.
राउत - बीजेपी एक विचारधारा वाली पार्टी थी, लेकिन साल 2014 में कांग्रेस और एनसीपी के कई नेता इसमें शामिल हो गए, जो अलग विचार के थे. क्या इसी वजह से बीजेपी का रुख बदल गया है?
ठाकरे - बीजेपी में शिवसेना के भी कुछ नेताओं को शामिल किया गया है. बीजेपी ने जो नई राजनीति शुरू की है, वो सत्ता के इर्द-गिर्द घूमती है. बीजेपी जिन भ्रष्टाचार के आरोपों को लगाकर सत्ता में आई, वो आजतक साबित नहीं हुई. बीजेपी आज भी सिर्फ आरोप ही लगा रही है.
राउत- क्या महाराष्ट्र में सिंचाई घोटाला हुआ?
ठाकरे - अभी दो दिन पहले महाराष्ट्र में सिंचाई के लिए सवा लाख करोड़ रुपये दिए गए. इसका मतलब यह हुआ कि जो पैसे सिंचाई के लिए पहले दिए गए थे, वो गए यानी उनका कोई अतापता नहीं. अब यह रकम कैसे और किसको बांटी जाएगी, यह तो वक्त ही बताएगा. सवाल यह भी है कि क्या सच में इस पैसे का इस्तेमाल सिंचाई के लिए होगा.
राउत - आप बीजेपी के साथ सत्ता में शामिल हैं और आपकी पार्टी के पास अच्छे मंत्रालय हैं, तो इन चार वर्षों में आपने कितना कमाया?
ठाकरे - मैं कमाने के लिए राजनीति नहीं करता हूं. अगर आप पूछ रहे हैं कि मैंने क्या कमाया, तो मैं बताना चाहता हूं कि हमने इन चार वर्षों में सरकार चलाने का अनुभव कमाया है.