महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने रविवार को कहा कि पिछले साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना के अड़ियल रुख के कारण बीजेपी के साथ उसका गठबंधन टूटा. फड़नवीस ने कहा, 'हमने तो उन्हें (पिछले साल के विधानसभा चुनाव में) 147 सीटें देने का प्रस्ताव दिया था, जबकि अपने पास सिर्फ 127 सीटें रखी थीं. लेकिन वे इससे भी खुश नहीं थे. इसलिए हमें अकेले ही चलना पड़ा.'
उन्होंने कहा, 'चुनाव से पहले ऐसी मानसिकता थी कि हम अकेले जीतने में सक्षम नहीं होंगे, क्योंकि मत विभाजित हो जाएंगे, लेकिन चुनाव के बाद इस मानसिकता में बदलाव आया.' रविवार को संपन्न होने वाली राज्य कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने के लिए कोल्हापुर आए मुख्यमंत्री ने कहा, 'लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हम अभी शिवसेना को छोड़ देंगे.'
पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले अपने लंबे समय से सहयोगी रहे शिवसेना से अलग होने के बीजेपी के फैसले का बचाव करते हुए फड़नवीस ने शनिवार को कहा था कि भगवा सहयोगियों के अलग होने से बीजेपी की वास्तविक ताकत सामने आई.
उन्होंने कहा था, 'यदि हम यह फैसला (शिवसेना से अलग होने का ) नहीं लेते, तो हमें हमारी वास्तविक ताकत के बारे में कभी पता नहीं चलता. हमारी ताकत के एहसास ने ही हमें दुनिया में सबसे बड़ी पार्टी बनने में मदद पहुंचाई है.'
पिछले साल अक्तूबर में हुए विधानसभा चुनाव से पहले दोनों पक्षों में सीट बंटवारा फॉर्मूला पर जल्द सहमति नहीं बनने के कारण शिवसेना के साथ बीजेपी के संबंधों में खटास आई थी. एक दूसरे से मनमुटाव के बाद फड़नवीस के मुख्यमंत्री पद ग्रहण करने के एक महीना बाद शिवसेना मंत्रिमंडल में शामिल हुई.