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शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर जंग तेज, शिंदे के दावे के बाद EC ने कहा- ठाकरे कल दोपहर तक रखें पक्ष

महाराष्ट्र में शिवसेना पर अधिकार को लेकर एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के अपने-अपने दावे हैं. एकनाथ शिंदे गुट ने अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव से पहले शिवसेना के चुनाव चिह्न ‘धनुष और तीर’ पर दावा किया है. वहीं चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे को अपना पक्ष रखने के लिए कल दोपहर दो बजे तक का समय दिया है.

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 एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)
एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र में शिवसेना पर अधिकार को लेकर एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के अपने-अपने दावे हैं. एकनाथ शिंदे गुट ने अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव से पहले शिवसेना के चुनाव चिह्न ‘धनुष और तीर’ पर दावा किया है. इसके लिए शिंदे गुट ने शुक्रवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की. शिंदे ने आवेदन में धनुष और बाण के आवंटन की मांग की है. वहीं इस मामले में चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे को अपना पक्ष रखने के लिए कल दोपहर दो बजे तक का समय दिया है. साथ ही कहा है कि अगर कल दोपहर तर आपका कोई जवाब नहीं मिलता है तो आयोग इस मामले में उचित कार्रवाई करेगा.

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चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों को 7 अक्टूबर तक दस्तावेज जमा करने के लिए कहा था. लेकिन उद्धव ठाकरे गुट की ओर से अपने दस्तावेज पेश नहीं किए गए. EC की ओर से उद्धव ठाकरे को लेटर जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि एकनाथ शिंदे ने मांग की है कि पार्टी का चुनाव चिन्ह शिंदे गुट को आवंटित किया जाए. 

इस संबंध में एक प्रति आपको ईमेल के जरिए पहले भी दी जा चुकी है. लेकिन आपकी ओर से अभी तक कोई भी जवाब नहीं मिला है. वहीं, अंधेरी पूर्व विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव के लिए नॉमिनेशन भी किया जाना है.

EC ने उद्धव ठाकरे से कहा है कि आप अपने दस्तावेजों को 8 अक्टूबर दोपहर 2 बजे तक प्रस्तुत कर सकते हैं. साथ ही कहा गया है कि अगर आपकी ओर से कोई जवाब नहीं मिलता है तो आयोग इस मामले में उचित कार्रवाई करेगा. 

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27 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को यह तय करने के लिए कहा था कि महाराष्ट्र में "असली" शिवसेना की कमान एकनाथ शिंदे के हाथ में होगी या फिर उद्धव ठाकरे के पास होगी.

ठाकरे ग्रुप का EC में दाखिल याचिका में दावा


ठाकरे गुट ने 4 अक्टूबर को भेजी 17 पेज की याचिका में दावा किया था कि पार्टी पर उनका पूर्ण नियंत्रण है. पार्टी में कुछ बागी अलग गुट बना चुके हैं, लेकिन शिवसेना के नाम, निशान, प्रशासन और प्रबंधन पर उसका ही नियंत्रण है. लिहाजा चुनाव चिह्न तीर-कमान और पार्टी के मूल नाम पर उनका ही अधिपत्य है. ये किसी दूसरे को ना दिया जाए.

दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर साधा निशाना

शिवसेना दो फाड़ होने के बाद से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे लगातार एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. 5 अक्टूबर को हुई दशहरा रैली में दोनों नेताओं ने जमकर एक-दूसरे पर जवाबी तीर छोड़े थे. इस दौरान उद्धव ने शिंदे को कटप्पा तक बता डाला. वहीं एकनाथ शिंदे ने भी पलटवार कर उद्धव ठाकरे पर कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन कर लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया गया.
 

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