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सामना में BJP-कांग्रेस के अनशन पर तंज, शिवसेना बोली- ये सिर्फ ढोंग

शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में बीजेपी और कांग्रेस के अनशन पर तंज कसा गया है. शिवसेना के मुताबिक अनशन राजनीतिक हथियार बन गया है. अनशन से कुछ हासिल नहीं होता, ये सिर्फ ढोंग है.

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 बीजेपी के अनशन पर शिवसेना का तंज
बीजेपी के अनशन पर शिवसेना का तंज

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शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में बीजेपी सरकार के एक दिन के अनशन पर तंज कसा गया है. अखबार के संपादकीय का शीर्षक है 'आत्मकलेश का उत्सव'. संपादकीय में हाल ही में हुए कई अनशनों पर निशाना साधा गया है और कहा गया है कि जनता के लिए शिवसेना भी विरोध प्रदर्शन करती है, सिर्फ अनशन का ढोंग नहीं करती है.

BJP को आठ दिन बाद ख्याल आया

महाराष्ट्र में शिवसेना बीजेपी के साथ सत्तारूढ़ भी है, पर मौका देख कर पार्टी के नेता भाजपाइयों पर आए दिन निशाना साधते रहते हैं. संपादकीय में लिखा गया है कि विरोधियों के हंगामे के कारण संसद की कार्यवाही ना चलने के विरोध में बीजेपी ने देश भर में अनशन किया. संसद का सत्र खत्म हुए 8 दिन बीत चुके थे. ऐसे में जिस दिन अधिवेशन खत्म हुआ, उसी दिन संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने प्रधानमंत्री सहित सभी को अनशन करना चाहिए था. लेकिन 8 दिन बाद अनशन और संसद में कामकाज ना होने का ख्याल आया.

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कांग्रेस के असफल अनशन पर तंज

संपादकीय में कांग्रेस के सांकेतिक अनशन पर निशाना साधा गया है. सामना में लिखा गया है कि दिल्ली के बड़े कांग्रेसी नेता अनशन से पहले होटल में जा कर छोले-भटूरे खाते हैं, इसकी तस्वीरें भी सामने आईं. खुद राहुल गांधी अनशन स्थल पर देर से पहुंचे. अन्य कांग्रेसियों ने भी अनशन कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया, इसलिए देश भर में उनका अनशन भी हास्यास्पद बन गया. कांग्रेस के असफल अनशन का जवाब देने के लिए बीजेपी ने भी अनशन किया, इसमें भी अनेक बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा खा पीकर अनशन किए जाने की बात सामने आई.

'अनशन सिर्फ ढोंग है, हासिन कुछ नहीं होता'

संपादकीय में सवाल किया गया है कि इस देश की अधिकांश जनता आज भी भूखी ही रहती है. कुपोषण के चलते बच्चों की बलि चढ़ रही है. भूख से परेशान हो कर परिवार के परिवार आत्महत्या कर रहे हैं. सरकार की फ्लॉप नोटबंदी से लाखों लोगों का रोजगार डूब गया. अनशन से कुछ हासिल नहीं होता, ये सिर्फ ढोंग है.

राजनीतिक हथियार बन गया अनशन

सामना में सवाल किया गया है कि अन्ना हजारे ने हाल ही में दिल्ली में अनशन किया, उस अनशन से क्या मिला. कांग्रेस के शासन में अन्ना अनशन पर बैठे, अन्ना की जय-जय करने में बीजेपी आगे थी, लेकिन आज अन्ना किसानों के मुद्दे पर जब अनशन पर बैठे, तब बीजेपी सरकार ने खुद को अन्ना से दूर रखा. कांग्रेस के कार्यकाल में अन्ना का अनशन जिन लोगों ने सिर-आंखों पर उठाया था, उन्हीं लोगों ने अब अन्ना का अनशन असफल कैसे हो, इसका इंतजाम किया. शिवसेना के मुताबिक अनशन राजनीतिक हथियार बन गया है.

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