महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के शामिल होने की सुगबुगाहट फिर से तेज हो गई है. खबर है कि रविवार देर रात शिवसेना नेता अनिल देसाई और मिलिंद नार्वेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के आवास पर पहुंचे और उनसे बातचीत की, वहीं फड़नवीस का कहना है कि समर्थन के मुद्दे पर शिवसेना के साथ 80 फीसदी बातचीत हो चुकी है. इसके साथ ही सीएम ने सुझाव देते हुए कहा कि जो लोग बातचीत से जुड़े हुए नहीं हैं, उन्हें मामले में कुछ नहीं बोलना चाहिए.
बैठक के दौरान फड़नवीस सरकार के कुछ कैबिनेट मंत्री भी मौजूद थे. हालांकि, किसी भी पक्ष ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. ऐसे में दोनों दलों के नेताओं के बीच मुलाकात से गठबंधन की राह आसान होती तो दिख रही है, लेकिन सस्पेंस अब भी बरकरार है. सूत्रों के मुताबिक शिवसेना को भाजपा केंद्र में दो और मंत्री पद का ऑफर दे रही है.
शिवसेना नेताओं की फड़नवीस के साथ रविवार रात हुई मुलाकात से पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान, राज्य सहकारिता मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने उद्धव ठाकरे से करीब डेढ़ घंटा बातचीत की थी, लेकिन किसी भी पक्ष ने आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा. इसके अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. स्वामी ने कहा कि बैठक में जो भी बात हुई है, उसकी जानकारी वह पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को देंगे.
गौरतलब है कि शिवसेना और भाजपा की सरकार पहली बार महाराष्ट्र में 1995 में बनी थी और उस समय शिवसेना ने मनोहर जोशी को मुख्यमंत्री बनाया था, जबकि उपमुख्यमंत्री का पद भाजपा के गोपीनाथ मुंडे को दिया गया था. 2014 लोकसभा चुनाव सीटों को लेकर दोनों दलों के बीच मतभेद हुआ था, जिसके बाद गठबंधन टूट गया था.