महाराष्ट्र में अजित पवार गुट के समर्थन के बाद बीजेपी ने सरकार बना ली है. सरकार गठन के बाद मुंबई में एनसीपी-शिवसेना की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस-शिवसेना-एनसीपी ने सरकार बनाने का फैसला किया था. हमारे पास करीब 170 विधायकों का समर्थन था. सुबह अचानक अजित पवार के डिप्टी सीएम बनने का पता चला.
NCP Chief Sharad Pawar: I don't know if he(Ajit Pawar) has done this fearing investigating agencies or not. As per my source, 10-11 MLAs were there in Raj Bhavan and out of those, 3 are already here sitting with me. pic.twitter.com/W8JgRlHx6Z
— ANI (@ANI) November 23, 2019
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि अजित पवार ने खुद बीजेपी को समर्थन देने का फैसला लिया है. ये फैसला एनसीपी की विचारधारा के खिलाफ है. कुछ विधायक बीजेपी के साथ गए हैं, उन्हें दलबदल कानून का पता नहीं है. शरद पवार ने कहा कि हमें जो एक्शन लेना होगा वो लेंगे.
बहुमत साबित करना मुश्किल
शरद पवार ने दावा किया देवेंद्र फडणवीस बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे. हम सब एकजुट हैं. अजित पवार के पास जो चिट्ठी थी उसमें सभी 54 विधायक हस्ताक्षर थे. शरद पवार ने कहा कि आज शाम की बैठक में आगे का फैसला तय होगा. हम जो निर्णय लेंगे, वो शिवसेना की सहमति के बिना नहीं लेंगे. मुझे कोई चिंता नहीं है पहले भी मेरे साथ ऐसा हो चुका है. हमें राज्यपाल ने 30 नवंबर तक का वक्त दिया है. हमारे पास नंबर है और हम ही सरकार बनाएंगे.
एनसीपी प्रमुख ने कहा कि अजित पवार के साथ गए विधायक राजेंद्र शिंगने ने कहा कि हमें अजित पवार ने फोन किया था. हमें नहीं पता था कि हमें कहां ले जाया जा रहा है. वो विधायक दल के नेता थे तो उनका फोन आया, इसलिए हम चले गए. हमें शपथ ग्रहण का बिल्कुल अंदाजा नहीं था. हम शरद पवार के साथ हैं.
अजित पवार के उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने पर शरद पवार ने कहा कि यह अजित पवार का निजी फैसला है, न कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का. इससे पहले शरद पवार ने ट्वीट किया, ‘‘महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए बीजेपी को समर्थन देने का अजित पवार का फैसला उनका व्यक्तिगत निर्णय है. यह एनसीपी का फैसला नहीं है. हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम इस फैसले का समर्थन नहीं करते.’’