महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार के बाद से लगातार विधायकों की नाराजगी सामने आ रही है. वहीं शनिवार सुबह खबर आई कि महाराष्ट्र में शिवसेना के नवनियुक्त राज्य मंत्री अब्दुल सत्तार नबी ने कैबिनेट पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि दोपहर होते-होते इस खबर का खंडन भी आ गया है. शिवसेना के राज्यसभा सांसद अनिल देसाई ने इन खबरों को कोरी कल्पना बताते हुए कहा, "यह सच नहीं है. उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है, न ही ऐसा कोई त्याग-पत्र मुझे या पार्टी में किसी को सौंपा है."
वहीं राज्यमंत्री के बेटे समीर नबी ने भी औरंगाबाद में स्थानीय मीडिया से बातचीत में इन खबरों को खारिज कर दिया था. शिवसेना नेता अर्जुन खोतकर जो इस खबर के सामने आने के बाद अब्दुल सत्तार से बात करने पहुंचे थे, उन्होंने कहा कि सत्तार के इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता. यह पूरी तरह आधारहीन है. वो रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे.
Arjun Khotkar, Shiv Sena on reports that Shiv Sena's Abdul Sattar is unhappy and has resigned as Maharashtra minister: There is no question of Abdul Sattar tendering his resignation. These rumours are baseless. Sattar Sahab will meet CM Uddhav Thackeray tomorrow. pic.twitter.com/g6unbXCDfk
— ANI (@ANI) January 4, 2020
बता दें, सेना के मुस्लिम चेहरे और मंत्रिमंडल में चार मुस्लिम सदस्यों में शामिल सत्तार औरंगाबाद के सिलोड से विधायक हैं और उन्होंने 30 दिसंबर को हुए महा विकास अघाड़ी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी.
पिछले एक सप्ताह से शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा)-कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी गठबंधन के शीर्ष नेताओं में विभागों के बंटवारे को लेकर बात चल रही है.
30 दिसंबर को हुआ था कैबिनेट विस्तार
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 30 दिसंबर को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया था. उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे सहित 35 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी, जिसमें कैबिनेट के 25 और राज्यमंत्री के 10 पद शामिल हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने रिकार्ड बनाते हुए चौथी बार उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
नरीमन पॉइंट स्थित महाराष्ट्र विधानमंडल परिसर के बाहर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सभी नए मंत्रियों को पद और गोपनियता की शपथ दिलाई थी. मंत्रिमंडल के विस्तार का स्वागत करते हुए शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने इसे ठाकरे का अच्छी तरह से संतुलित निर्णय करार दिया था. उन्होंने कहा था कि इस विस्तार से राज्य के सभी वर्गों, समुदाय और धर्म का उचित प्रतिनिधित्व हुआ है.
महा विकास अगाड़ी के अन्य नेताओं सहित आदित्य ठाकरे को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. राज्य के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के अशोक चव्हाण, परिषद में विपक्ष के नेता रहे राकांपा के धनंजय मुंडे, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दिलीप वाल्से-पाटिल और राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक इस विस्तार का हिस्सा बने हैं.
मंत्रिमंडल में तीन महिलाएं भी शामिल हैं. राकांपा की अदिति तटकरे (राज्य मंत्री) और कांग्रेस कीं वर्षा गायकवाड़ और यशोमती ठाकुर को भी मंत्रिमंडल में स्थान मिला है. वहीं, शिवसेना की तरफ से सरकार में कोई महिला प्रतिनिधित्व नहीं है.
विभाग बंटवारे से पहले ही उद्धव सरकार को झटका, अब्दुल सत्तार ने छोड़ा मंत्री पद
साल 2014 के बाद पहली बार मंत्रालय में चार मुस्लिम चेहरे आए हैं. शिवसेना के अब्दुल सत्तार नबी (राज्य मंत्री), राकांपा के नवाब मलिक व हसन मुशरीफ और कांग्रेस के असलम शेख, इन सभी को कैबिनेट स्तर का पद दिया गया है.
तीनों पार्टियों के अन्य बड़े नामों में अनिल परब, विजय वादीतिवार, जितेंद्र अवध, अनिल देशमुख, अमित (विलासराव) देशमुख, राजेश टोपे, और सतेज पाटिल (राज्यमंत्री), विश्वजीत कदम और बच्चू कडू शामिल हैं.