महाराष्ट्र में उद्धव सरकार ने शनिवार को बहुमत साबित कर दिया है. इसके बाद शिवसेना ने रविवार को एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा कि शरद पवार की राजनीति खत्म हो चुकी है, ऐसी बचकानी बातें करने वाले देवेंद्र फडणवीस विपक्ष के नेता बन गए हैं.
शिवसेना ने सामना में कहा कि सत्ता की राजनीति और कुर्सी का खेल महाराष्ट्र ने देखा, जो काफी रोमांचक रहा. महाराष्ट्र की राजनीति में इतनी नाटकीय घटनाएं कभी नहीं हुईं. वहीं शरद पवार की तारीफ करते हुए सामना में कहा गया कि शरद पवार के बगैर राजनीति नीरस और रुचिहीन है. शरद पवार ठान लें तो कोई भी उथल-पुथल मचा सकते हैं.
अजित पवार अवसरवादी नहीं
सामना में शिवसेना ने कहा, अजित पवार की राजनीति अवसरवादी और धोखेबाज की थी, ऐसा जिन्हें लगता होगा उन्हें एक बात समझ लेनी चाहिए कि अजित पवार फडणवीस से जाकर मिले, इसलिए तीन पार्टियों की अघाड़ी और अधिक मजबूत हुई. अजित पवार के कारण फडणवीस की जोड़-तोड़ की राजनीति लोगों में तिरस्कार का विषय बनी. एक दबाव विधायकों पर तैयार हुआ और सभी विधायक अंतत: शरद पवार के पास लौट आए. अकेले पड़े अजीत पवार को भी पीछे लौटना पड़ा.
सिंहासन का खेल महाराष्ट्र में एक महीनेभर चला. इस दौरान कई लोगों के मुखौटे टूटकर गिर गए तो कइ लोगों के अलग रंग दिखे. भारतीय जनता पार्टी ने अजित पवार के साथ सरकार स्थापित करने का प्रयत्न किया, जो कि नाकाम हुआ. अब वे विपक्ष में बैठे हैं लेकिन पहले हुए समझौते के अनुसार शिवसेना को ढाई साल मुख्यमंत्री का पद देने को तैयार नहीं हुए.
पवार के बारे में क्या लिखा
सामना के मुताबिक, शरद पवार की राजनीति विश्वसनीय नहीं है, पवार की राजनीति धोखाधड़ी की है, इस दंतकथा पर अब तो हमेशा के लिए पर्दा पड़ जाना चाहिए. महाराष्ट्र में कांग्रेस-राष्ट्रवादी के समर्थन से शिवसेना के मुख्यमंत्री के रूप में उद्धव ठाकरे विराजमान हुए. राज्य में सत्तांतर हुआ उस पर आज भी लोग विश्वास करने को तैयार नहीं हैं. इससे भी ज्यादा मोदी-शाह की सत्ता को उलटकर महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री बना यह महत्वपूर्ण है.