महाराष्ट्र की राजनीति में अचानक हुए बदलाव के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने एक बार फिर सरकार बनाने का दावा किया है. संजय राउत ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि अजित पवार के साथ एनसीपी के जो विधायक दिखाई दिए थे वो वापस आ गए हैं.
संजय राउत ने दावा करते हुए कहा कि अजित पवार के साथ एनसीपी के सिर्फ दो विधायक हैं. शिवसेना नेता ने कहा कि महाराष्ट्र में दोबारा चुनाव नहीं होंगे लेकिन हम ही सरकार बनाएंगे और अजित पवार अकेले रह जाएंगे.
Sanjay Raut, Shiv Sena: We are in touch with Dhananjay Munde and there is a possibility of even Ajit Pawar coming back. Ajit has been blackmailed, it will be exposed who is behind this, in Saamna newspaper soon. https://t.co/vESFauyjWR pic.twitter.com/DIomJ1niK2
— ANI (@ANI) November 23, 2019
संजय रावत ने कहा, 'हम धनंजय मुंडे के संपर्क में हैं और यहां तक कि अजित पवार के वापस आने की भी संभावना है. अजित पवार को ब्लैकमेल किया गया है, सामना अखबार में जल्ह ही इसका खुलासा किया जाएगा कि इसके पीछे कौन है.'
वहीं, संजय राउत ने महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार बनाने की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, 'रात के अंधेरे में बीजेपी ने जो खेल खेला है, उसको महाराष्ट्र की जनता जवाब देगी. बीजेपी के पास बहुमत नहीं था, उन्होंने अजित पवार को साथ लेकर सरकार बनाने की कोशिश की, लेकिन 30 तारीख को वह बहुमत सिद्ध नहीं कर पाएंगे और सदन में उनकी सरकार गिर जाएगी.'
उन्होंने कहा, 'एनसीपी और शरद पवार अजीत पवार के साथ नहीं है. एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के पास बहुमत है, 170 विधायकों का समर्थन है और हमलोग राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने की तैयारी कर ही रहे थे कि बीजेपी ने समर्थ ना होते हुए भी सरकार बनाई.'
तीन पार्टियों की सरकार
संजय राउत ने फिर दावा किया, 'सरकार एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना की ही बनेगी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ही होंगे, इसमें किसी को कोई शक नहीं है, कोई संशय नहीं है, लेकिन 30 तारीख को बीजेपी की सरकार का जाना तय है. उसके बाद हमारी सरकार तीनों पार्टियों की सरकार बनेगी.'
'बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे'
इसके अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रवक्ता नवाब मलिक ने शनिवार को कहा कि बीजेपी और अजित पवार ने महाराष्ट्र में सरकार भले बना ली है, लेकिन वे बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे. मलिक ने कहा, "यह सरकार धोखे से बनी है और सदन पटल पर यह बहुमत साबित नहीं कर पाएगी. सभी विधायक हमारे साथ हैं."
मलिक उस टीम का हिस्सा थे, जिसने न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चर्चा की और राज्य में सरकार बनाने के लिए एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस को एक साथ लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि अजित पवार ने उपस्थिति के लिए विधायकों के लिए गए हस्ताक्षरों का दुरुपयोग किया है.
नवाब मलिक ने कहा कि, "हमने उपस्थिति के लिए विधायकों के हस्ताक्षर लिए थे, लेकिन उन्होंने शपथ-ग्रहण करने के लिए उन हस्ताक्षरों का दुरुपयोग किया." उन्होंने कहा कि पार्टी के कई नेताओं को गुमराह कर राज्यपाल के पास ले जाने का काम अजित पवार ने किया है.