महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार के बाद से लगातार विधायकों की नाराजगी सामने आ रही है. उद्धव कैबिनेट का विस्तार तो हो ही गया लेकिन सरकार विभागों के बंटवारे के झमेले से मुक्त नहीं हुई है. शिवसेना नेता संजय राउत ने नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि नेता पहले तो विधायक या सांसद बनने का सपना देखते हैं. फिर उन्हें मंत्री बनने के साथ वजनदार विभाग भी चाहिए होता है. बता दें कि राज्य मंत्री अब्दुल सत्तार कैबिनेट मंत्री ना बनाए जाने से नाराज हैं.
संजय राउत ने कहा कि राजस्व, नगर विकास, सिंचाई एवं बांध, सार्वजनिक निर्माण कार्य, पर्यावरण, उत्पादन शुल्क, गृह निर्माण ऐसे गिने-चुने विभाग फिलहाल वजनदार माने जाते हैं. इन विभागों के कारण मंत्रियों का वजन बढ़ जाता है . ऐसे विभागों के कारण राजनैतिक पार्टियां भी वजनदार होती हैं.
शिवसेना सांसद ने कहा, मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान अचलपुर के विधायक बच्चू कडू मिलने आए. उन्होंने ठाकरे सरकार को समर्थन दिया. उन्हें मंत्रिपद चाहिए था, ये निश्चित था. उद्धव ठाकरे ने उन्हें ऐसा वचन दिया है, ऐसा वे बोले. उनकी एक बात मुझे पसंद आई. ‘मुझे कोई भी विभाग चलेगा, जो विभाग कोई भी लेने को तैयार नहीं होगा, वो दे दो. उपेक्षित पड़ा विभाग दो. मैं अच्छा काम करके दिखाऊंगा.’
संजय राउत ने बताया कि बच्चू कडू की तरह कितने मंत्रियों को ऐसा लगता है. गृह विभाग मतलब सरकार की नाक, कान, आंख. कानून और व्यवस्था बनाए रखने से ज्यादा राजनैतिक विरोधियों, विरोधियों पर अंकुश लगाने के लिए ही गृह विभाग का उपयोग ज्यादा किया जाता है. यह घातक है.
मंत्री पद पर नाराजगी
बता दें कि महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार के बाद से लगातार विधायकों की नाराजगी सामने आ रही है. शनिवार को शिवसेना के नवनियुक्त राज्य मंत्री अब्दुल सत्तार नबी ने कैबिनेट पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि दोपहर होते-होते इस खबर का खंडन भी आ गया है. शिवसेना के राज्यसभा सांसद अनिल देसाई ने इन खबरों को कोरी कल्पना बताते हुए कहा, "यह सच नहीं है. उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है, न ही ऐसा कोई त्याग-पत्र मुझे या पार्टी में किसी को सौंपा है." बता दें कि खबर थी कि अब्दुल सत्तार ने जूनियर मंत्री का पद मिलने की वजह से अपने पद से इस्तीफा दिया था.