शिवसेना ने महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव वाले बयान को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर निशाना साधा है. शिवसेना ने आरोप लगाया है कि पहले हां और फिर अचानक ना, यही एनसीपी सुप्रीमो की राजनीति है. इस किस्म की राजनीति भरोसे लायक नहीं है. वह इस तरह के बयान देकर मौजूदा सरकार को इशारों में धमकी दे रहे हैं. BJP सरकार टिकने की गारंटी नहीं: पवार
पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में छपे लेख में कहा गया है, 'शरद पवार की बातों को इतनी गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं. यह उनकी राजनीति करने का स्टाइल है.'
'सामना' में लिखा गया है, 'चुनाव के नतीजे आए. एनसीपी ने बिना मांगे बीजेपी को बाहर से समर्थन देने का ऐलान करते हुए कहा कि राज्य में अस्थिरता का निर्माण ना हो, और आज वही पवार राज्य के लोगों को मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहने को कह रहे हैं. बोल रहे हैं कि महाराष्ट्र की सरकार अस्थिर है और वह कभी भी गिर सकती है, जिससे एक बार फिर चुनाव होने की स्थिति बनेगी. वाकई में पवार ने एक तरह से धमकी ही दी है.'
शिवसेना ने कहा, 'पहले नई सरकार को पीछे से समर्थन और फिर चुनावी बयान देना. इसे ही भरोसा नहीं करने वाली राजनीति कहते हैं. आज भी सिर्फ 41 विधायकों का समर्थन देकर, पवार नई सरकार का भविष्य अपनी मुट्ठी में रखना चाहते हैं. लेकिन उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. क्योंकि पवार जो बोलते हैं, वो बिल्कुल नहीं करते.'