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कैबिनेट विस्तार से नाराज शिवसेना ने बुलाई आपात बैठक, राउत बोले- NDA की हुई मौत

सूत्रों की मानें, तो शिवसेना केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार से काफी नाराज है. शिवसेना नेता संजय राउत ने इस विस्तार को एनडीए की मौत करार दिया है. इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र कैबिनेट के मंत्री भी हिस्सा ले रहे हैं.

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शिवसेना ने बुलाई आपात बैठक
शिवसेना ने बुलाई आपात बैठक

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नरेंद्र मोदी कैबिनेट का विस्तार हो गया है. लेकिन इस विस्तार से एक बार फिर एनडीए में फूट पड़ती हुई दिखाई दे रही है. कैबिनेट विस्तार से नाराज शिवसेना ने अपने सभी वरिष्ठ नेताओं की आपात बैठक बुलाई है. आपको बता दें कि NDA की नई सहयोगी जेडीयू भी इस विस्तार से खुश नहीं है. नीतीश कुमार और केसी त्यागी इस बारे में अपनी चिंता व्यक्त कर चुके हैं.

सूत्रों की मानें, तो शिवसेना केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार से काफी नाराज है. शिवसेना नेता संजय राउत ने इस विस्तार को एनडीए की मौत करार दिया है. इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र कैबिनेट के मंत्री भी हिस्सा ले रहे हैं. 

सामना में भी किया प्रहार

इससे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल की शिवसेना ने राजनितिक आवश्यकता के तौर पर बताते हुए सहयोगी पार्टी शिवसेना ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने के बाद भी उसमें प्रयोग जारी है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के एक संपादकीय में कहा कि लोग अब भी ‘अच्छे दिन’ का इंतजार कर रहे हैं.

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संपादकीय में मंत्रालयों के आवंटन को भाजपा का आंतरिक मामला बताते हुए कहा गया है, “हम चुप नहीं रह सकते क्योंकि इसका संबंध राष्ट्र सुरक्षा और देश के विकास से है.” इसमें कहा गया, “मोदी सरकार ने तीन साल पूरे कर लिए हैं लेकिन मंत्रालय में अब भी प्रयोग हो रहे हैं. भाजपा के 2014 के चुनावी नारे की याद दिलाते हुए इसमें कहा गया कि लोग अब भी ‘अच्छे दिन’ के करिश्मे का इंतजार कर रहे हैं.

केसी त्यागी ने जताई नाराजगी

जेडीयू सांसद और प्रवक्ता केसी त्यागी ने 'आजतक' के बातचीत में कहा कि मंत्रिमंडल में शामिल ना किए जाने से हम लोग निराश नहीं है, लेकिन हमें उम्मीद थी कि जिस ढंग से बिहार में बीजेपी और जेडीयू मिलकर सरकार चला रहे हैं, उसी तरीके से केंद्र में भी जेडीयू के लोगों को शामिल किया जाएगा.

गौरतलब है कि रविवार को हुए कैबिनेट विस्तार में जेडीयू और शिवसेना की ओर से कोई भी प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ था. बता दें कि जेडीयू की ओर से दो मंत्रालय की मांग की गई थी, वहीं कहा जा रहा था कि शिवसेना भी 3 मंत्रालय की मांग कर रही थी. शिवसेना का तर्क था कि उसके पास JD(U) से अधिक सांसद हैं इसलिए उसे अधिक मंत्रालय मिलने चाहिए.

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