महाराष्ट्र प्रांत में भले ही बीजेपी और शिवसेना साझी सरकार चला रहे हों लेकिन उनके बीच सबकुछ ठीक नहीं लगता. वे एक दूसरे की टांगखिचाई का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते. इस बीच शिवसेना की ओर से एक और ऐसा बयान आया है जो मुख्यमंत्री फडणवीस की मुश्किलें बढ़ा सकता है. शिवसेना ने महाराष्ट्र के किसानों की कर्जमाफी करने को कहा है. वे उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का हवाला देते हुए किसानों की कर्जमाफी की बात कह रहे हैं. वे चाहते हैं कि किसानों की दिवाली कर्जमाफी के रूप में मने.
शिवसेना कर्जमाफी पर अड़ी
शिवसेना उत्तरप्रदेश का हवाला देते हुए कह रही है कि योगी सरकार को जहां ऐसा करने के लिए 63 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी. तो वहीं फडणवीस सरकार को ऐसा करने के लिए 30 हजार करोड़ रुपये चाहिए होंगे. वे कहते हैं कि महाराष्ट्र समेत देश भर के किसानों में संभ्रम का माहौल है. इसे तत्काल प्रभाव से खत्म किए जाने की जरूरत है. ऐसे में इसे एक बार में ही खत्म कर देना चाहिए.
कर्जमाफी के बजाय सारा जोर अल्पमत सरकार पर
शिवसेना का आरोप है कि फडणवीस सरकार स्थायी समाधान के बजाय अल्पमत में रहने वाली सरकार के बचाव में लगी है. इस मुद्दे पर कोर कमिटी की बैठक आयोजित करा कर मध्यावधि चुनाव के शिगूफे छोड़े जा रहे हैं. वे आरोप लगाते हैं कि राज्य भर के किसानों की जिंदगी श्मसान होती जा रही है. बीजेपी को सिर्फ खुद की राजनीति की चिंता है. ऐसे में फडणवीस सरकार का इस प्रक्रम से बाहर निकलना ही किसानों के लिए हितकारी साबित होगा.