अपने मुखपत्र 'सामना' में शिवसेना ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उससे संबंधित मामलों पर चर्चा करने की बजाए उसे पाकिस्तान से पकड़ कर लाने की बात कही है.
चर्चा से दाऊद को फायदा
शिवसेना ने कहा, 'अगर दाऊद को पाकिस्तान से ला नहीं सकते तो उसकी चर्चा बंद करें. बेवजह दाऊद को महत्व देकर उसे फायदा न पहुंचाया जाए.'
मुखपत्र 'सामना' में कहा गया है कि राज्य और केंद्रीय स्तर पर दाऊद को पकड़ने के लिए कोई ठोस कदम उठाना चाहिए. इस तरह से दाऊद पर लगातार टिप्पणी कर, उसे महत्व देने से फायदा पहुंचाया जा रहा है.
ठोस कदम उठाए सरकार
शिवसेना ने कहा है कि पाकिस्तान की जमीन पर पैर रखे बगैर दाऊद को भारत नहीं लाया जा सकता है. ऐसा भी नहीं हो सकता कि भारत लाकर उसे जेल में ना रख कर घर में आराम दिया जाए. महाराष्ट्र और केंद्र सरकार को इस मामले में सोचना चाहिए.
समर्पण के लिए था तैयार
गौरतलब है कि वकील राम जेठमलानी ने हाल ही में बताया था कि 90 के दशक में दाऊद ने समर्पण के लिए कुछ शर्ते रखी थीं, जो राज्य सरकार को स्वीकार्य नहीं थी, इसीलिए उसकी पेशकश खारिज कर दी गई थी. उसकी पहली शर्त थी कि उसे जेल में रखने की बजाए घर में नजरबंद रखा जाए.