महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे को एक बार फिर झटका लगा है. पार्टी के पूर्व विधायक शिशिर शिंदे ने शनिवार को शिवसेना (यूबीटी) से इस्तीफा दे दिया है. शिंदे ने उद्धव ठाकरे को सौंपे अपने इस्तीफे में कहा है कि पार्टी का उपनेता बने हुए उन्हें एक साल हो गया है, लेकिन अबतक कोई भी बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी गई है. इसके साथ ही उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि बीते छह महीने से उद्धव ठाकरे उनसे मिल ही नहीं रहे थे. उनका कहना है कि शिवसेना में उनके चार साल बर्बाद हो गए.
शिंदे ने ठाकरे पर क्या आरोप लगाया?
शिंदे ने आरोप लगाया कि बीते छह महीने से उद्धव ठाकरे उनसे मिल ही नहीं रहे थे. कई बार इसको लेकर कोशिश की, लेकिन पार्टी अध्यक्ष से मिलना असंभव हो गया था. इसके साथ ही उनका मानना था कि मन का काम करने के लिए भी नहीं मिल रहा था. उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में शिशिर शिंदे ने लिखा कि बीते चार साल से उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई, फिर उन्हें केवल नाम का पद दे दिया गया, इसकी वजह से उनके करियर के चार साल बर्बाद हो गए .
इस काम से चर्चा में आए थे शिंदे
बता दें कि 22 साल पहले, साल 1991 में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत-पाकिस्तान का मैच होने वाला था. उस समय कुछ अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर यह क्रिकेट मैच रोकने के लिए शिशिर शिंदे ने स्टेडियम की पिच खोद दी थी. शिंदे इसके बाद देशभर में चर्चा का विषय बन गए थे.
राज ठाकरे के समर्थन में छोड़ दी थी शिवसेना
इसके अलावा जब राज ठाकरे ने साल 2005 में शिवसेना छोड़ी थी तो शिशिर शिंदे ने उनका समर्थन करते हुए पार्टी छोड़ दी थी. करीब 13 साल बाद साल 2018 में उन्होंने शिवसेना में वापसी की थी, लेकिन 2022 तक उन्हें कोई खास जिम्मेदारी नहीं दी गई. जब एकनाथ शिंद ने शिवसेना में बगावत कर दी तब ठाकरे ने शिशिर शिंदे को शिवसेना के उपनेता की जिम्मेदारी सौंपी. हालांकि उनका कहना है कि पार्टी ने इस एक साल में कोई खास जिम्मेदारी नहीं दी, इसलिए वह पार्टी छोड़ रहे हैं.