बीजेपी ने एक्ट्रेस कंगना रनौत को हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से टिकट दिया है, जिसके बाद एक बार फिर वो चर्चा में आ गई हैं. इसके साथ ही चर्चा उनके मुंबई वाले उस दफ्तर को लेकर भी शुरू हो गई है, जिसे बीएमसी ने करीब साढ़े तीन साल पहले तोड़ दिया था. अब इस पर शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत की प्रतिक्रिया आई है.
संजय राउत ने पूछा कि अगर कोई मुंबई को पीओके बोलेगा तो क्या प्रधानमंत्री मोदी को चलेगा? राउत ने कहा, "हमने मुंबई में उनका ऑफिस नहीं तोड़ा था. कंगना का ऑफिस बीएमसी ने तोड़ा था. गैरकानूनी काम किया था, इसलिए बीएमसी ने तोड़ा था."
करीब साढ़े तीन साल पुराना है मामला
ये पूरा मामला साल 2020 का है, जब महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार थी और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे. उस समय एक्टर सुशांत सिंह के सुसाइड मामले में जांच चल रही थी. कंगना ने आरोप लगाया था कि मुंबई पुलिस ने इस मामले में लापरवाही बरती है और बॉलीवुड के कुछ लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है. कंगना के इसी बयान पर संजय राउत ने सामना में लेख लिखा था कि कंगना रनौत की ओर से जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वो गलत हैं. इस तरह मुंबई पुलिस के बारे में बयान नहीं देना चाहिए जबकि वो खुद इस शहर में रहती हैं.
संजय राउत ने क्या कहा था?
संजय राउत ने कहा था, "मैं समझता हूं कि सुशांत सिंह राजपूत केस में मुंबई को घसीटना गलत है. मुंबई सबकी मां सी है. प्यार देती है, दुलार देती है. आशीर्वाद देती है. मुंबई को भला-बुरा कहना किसी को शोभा नहीं देता क्योंकि इस शहर ने किसी के साथ कभी भेदभाव नहीं किया है. सीबीआई पूरे मामले की जांच कर रही है, करने दीजिए. हम उनसे अपील करते हैं कि वो मुंबई ना आएं. उनके बयान मुंबई पुलिस का अपमान हैं और इस बारे में गृह मंत्रालय को एक्शन लेना चाहिए."
PoK की तरह क्यों लग रहा मुंबई: कंगना
इसके जवाब में कंगना ने कहा था, "शिवसेना नेता संजय राउत ने मुझे खुली धमकी दी है और कहा है कि मैं मुंबई वापस ना आऊं. पहले मुंबई की सड़कों में आजादी के नारे लगे और अब खुली धमकी मिल रही है. ये मुंबई पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) की तरह क्यों लग रहा है?"
(इनपुट- विक्रांत चौहान)