शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में गुरुवार को सरकार द्वारा मुंबई के विकास योजना को वापस लेने पर खुद को श्रेय दिया है और सरकार के फुटबैक पर अपनी पीठ थपथपाते हुए फडनवीस सरकार की जमकर तारीफ भी की है.
शिवसेना ने 'सामना' में लिखा है कि सरकार द्वारा तैयार किए गए विकास प्लान में 10 हजार गलतियां थी और इससे मुंबई वालों का कोई विकास नहीं हो सकता था. शिवसेना की माने तो जिस विकास योजना को सरकार के लोगों ने तैयार किया था उससे तैयार होने के साथ-साथ गिरगांव के किसानों की छाती पर से 'मेट्रो' रेल दौड़ती और हजारों परिवारों को विस्थापित होना पड़ता. इसके साथ ही इस विकास योजना की वजह से 'आरे' की हरियाली पर सीमेंट का जंगल खड़ा होनेवाला था.
हालांकि हर तरफ से आ रहे दबाव के कारण सरकार ने अपनी विकास योजना को पीछे लिया है और एक बार फिर से उसमें की गई गलती को बदलने के लिए कहा है. शिवसेना ने विकास मुद्दे को लेकर खुद को श्रेय देता हुए लिखा है, 'शिवसेना ने मुख्यमंत्री का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद ही विकास योजना के पीछे का सच सामने लाया. इसके बाद सरकार ने इस योजना को चूल्हे में दाल दिया.'
'सामना' ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस की तारीफ में लिखा है कि भले ही मुख्यमंत्री नागपुर के है, लेकिन उन्हें मुंबई के सवालों की अच्छी समझ है. 'सामना' की माने तो मुंबई महानगर पालिका सिर्फ कचरा उठाए, हवा पानी की बात करे और रुपए में से आठ आना केन्द्र को मिल जाता है. 'सामना' ने इस दौरान एक सवाल भी खड़ा किया है.
सामना की माने तो प्रधानमंत्री ने जब गंगा की शुद्धि करने के लिए जापानी कंपनी को वाराणसी में लाए, हमें उनका पैसा नहीं चाहिए, हम सिर्फ इतने सालों से मुंबई के हक का पैसा मांग रहे हैं.