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श‍िवसेना ने मोदी सरकार पर फिर बोला हमला, पीएम को बताया 'नया ईश्वर'

श‍िवसेना ने कहा, 'अब प्रधानमंत्री को ईश्वर का रूप देने के बाद ऐसा तो होना ही था. इसलिए अयोध्या में राम मंदिर भले ही न बनाया जाए, फिर भी नए ईश्वर के श्लोक, मंत्र पठन करने को अनिवार्य बनाया जाएगा, ऐसा माहौल दिखाई दे रहा है

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महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी श‍िवसेना ने एक बार फिर मोदी सरकार पर वार किया है. श‍िवसेना ने सभी थिएटरों में फिल्म शुरू होने से पहले मोदी सरकार की उपलब्धियों के बारे डॉक्यूमेंट्री अनिवार्य रूप से दिखाए जाने के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी और संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू को घेरा है.

पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा, 'प्रधानमंत्री मोदी ईश्वर के अवतार हैं, इस तरह के बयान भाजपा के वर‍िष्ठ नेताओं द्वारा बीच-बीच में दिए जा रहे हैं. यह अपनी-अपनी श्रद्धा का विषय है. तमिलनाडु में भी जयललिता को उनके समर्थकों ने देवी की झांकी में बिठाया है. सत्ता में सर्वोच्च पद पर रहने वाले व्यक्ति के बारे में इस तरह की प्रशंसा होती रहती है. अब ईश्वर बताया तो उसका उत्सव, मंदिर वगैरह तो बनेगा ही.

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नायडू पर बोला हमला
पार्टी ने कहा, 'भाजपा के एक पुराने और संयमी नेता वेंकैया नायडू ने केंद्र की भाजपा सरकार की तरफ से ऐसी जानकारी दी है कि केंद्र सरकार की विभ‍िन्न योजनाओं और सफलताओं का प्रचार होना चाहिए. राज्य में, जिले में गांव स्तर पर यह सफलता दिखई इसलिए कुछ योजनाएं सरकार को सूचित की गई है. इसके अलावा इन योजनाओं को प्रधानमंत्री या अन्य राष्ट्रीय नेताओं का नाम दिया जाना चाहिए. किस भी थ‍िएटर में फिल्म शुरू होने से पहले मोदी सरकार की सफलता की तस्वीर पर्दे पर दिखाना बंधनकारक किया गया है. ऐसी जानकारी श्रीमान नायडू ने दी है.'

श‍िवसेना ने कहा- ऐसा तो होना ही था
श‍िवसेना ने कहा, 'अब प्रधानमंत्री को ईश्वर का रूप देने के बाद ऐसा तो होना ही था. इसलिए अयोध्या में राम मंदिर भले ही न बनाया जाए, फिर भी नए ईश्वर के श्लोक, मंत्र पठन करने को अनिवार्य बनाया जाएगा, ऐसा माहौल दिखाई दे रहा है. नायडू छात्र जीवन से राजनीति में हैं और इंदिरा गांधी की तानाशाही के ख‍िलाफ नायडू ने आपातकाल के दौरान नायडू ने करीब 20 माह का कारावास भी भोगा था.'

सामना में लिखा गया है कि प्रधानमंत्री यानी ईश्वर को झांकी में बैठाकर उसका उत्सव मनाना भक्तों के लिए आसान होता है, लेकिन उत्सव में भगदड़ मचने तथा आग लगने से आम जनता झुलसती है.

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