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जय श्री राम के नारों से ना चिढ़ें ममता, बीजेपी ने पहचाना ‘वीक पॉइंट’: सामना में लेख

शिवसेना की ओर से सामना में बंगाल चुनाव को लेकर टिप्पणी की गई है. ममता बनर्जी जिस तरह से जय श्री राम के नारों से खफा हुई हैं, सामना में कहा गया है कि बीजेपी ने ममता के वीक पॉइंट को पहचान लिया है.

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बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (PTI)
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बंगाल चुनाव पर सामना में लेख
  • नारों से ना चिढ़ें ममता बनर्जी: सामना

पश्चिम बंगाल में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और सभी राजनीतिक दलों ने अपनी जान फूंकना शुरू कर दिया है. इस बीच शिवसेना की ओर से सामना में भी बंगाल को लेकर विशेष लेख लिखा गया है. सामना में बीजेपी और टीएमसी के बीच छिड़ी जंग को उछाला गया है, तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में ममता का नारों से खफा हो जाने को लेकर भी टिप्पणी की गई है.

सोमवार को सामना में लिखे लेख में कहा गया है, ‘पश्चिम बंगाल की राजनीति दिन-ब-दिन रोचक और रोमांचक होती दिख रही है लेकिन रोमांचक लगनेवाली बंगाल की राजनीति अंत में रक्त-रंजित मोड़ पर पहुंचती है, यह आज तक का इतिहास है. हिंदुत्व के मुद्दे पर योजनाबद्ध तरीके से भाजपा ने चिंगारी भड़काने की ठानी है. यदि ऐसा नहीं होता तो कोलकाता में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में विवाद की चिंगारी नहीं पड़ी होती.’ 

नारेबाजी की घटना को लेकर सामना में लिखा गया कि ममता बनर्जी का `वीक पॉइंट’ बंगाल भाजपा ने पहचान लिया है और चुनाव पर्यंत वे ऐसे नाजुक मामलों पर आघात करते रहेंगे. हमारा विचार है कि `जय श्रीराम’ के नारों से ममता को नहीं चिढ़ना चाहिए. उल्टे उनके सुर में सुर मिलाया होता तो दांव उल्टा भी पड़ सकता था. लेकिन हर कोई अपने वोट बैंक को ध्यान में रखता है. 

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सामना के लेख में लिखा गया कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को हराना ही है और पश्चिम बंगाल में भाजपा का विजय ध्वज लहराने की जिद से भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व बंगाल के मैदान में उतरा है. खुद गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा सहित नेताओं का जमावड़ा बंगाल में हो रहा है. टैगोर की तरह दाढ़ी बढ़ा चुके प्रधानमंत्री मोदी भी कल कोलकाता आए थे, चुनाव में कोई जीतेगा और कोई हारेगा. 

चुनावी टक्कर को लेकर सामना में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश और बिहार की तरह पश्चिम बंगाल में भाजपा ने धार्मिक अलगाववाद शुरू किया है, इसके लिए कुछ हद तक ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं. अति सेक्युलरवाद और मुस्लिमों के प्रति असीम झुकाव बहुसंख्यक हिंदुओं को खटकता है. पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के पहले दुर्गा पूजा और विसर्जन को लेकर भाजपा ने झूठ प्रचारित किया और ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री रहने के बावजूद उनकी आवाज लोगों तक नहीं पहुंच रही थी, भाजपा के प्रचार का गुप्त मिशन होता है. 

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बीजेपी पर शिवसेना का वार
बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख लोगों ने बंगाल में हिंसाचार और आतंकवाद फैलाने का प्रयास शुरू किया. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष दिलीप घोष के वक्तव्य लोकतंत्र को शोभा देनेवाले नहीं हैं. अब सिर्फ यही कहना बाकी रह गया है कि रायटर्स बिल्डिंग के सामने ममता बनर्जी को जला डालेंगे. 

शिवसेना ने सवाला उठाया कि पश्चिम बंगाल में बम बनाने के कारखाने हैं और इसको ममता सरकार का समर्थन प्राप्त है, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से कोलकाता में ऐसा कहा गया. सवाल यह है कि जैसे ईडी आदि की ओर से हर राज्य में जाकर विरोधियों पर छापे मारे जाते हैं, वैसे छापे केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी ने बंगाल के बम कारखानों पर क्यों नहीं मारे? अंतत: राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाना चाहिए. 

 

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