शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के जरिए मसरत आलम की गिरफ्तारी का समर्थन किया है. उद्धव ठाकरे ने मुफ्ती सरकार पर निशाना साधते हुए संपादकीय में लिखा कि मसरत आलम को छोड़ना का फैसला ही गलत था. मसरत को रिहा करना देशद्रोह के समान है.
संपादकीय में मसरत की गिरफ्तारी पर भी सवाल उठाए गए. उद्धव ने लिखा, 'मसरत की गिरफ्तारी को लेकर क्यों हंगामा हो रहा है. यह बात मसरत आलम के पिछले दो दिन के कारनामे देखकर समझ आ गया होगा. कश्मीर की जेल में मसरत आलम को इसलिए नहीं रखा गया था, क्योंकि उसने उमर अब्दुल्ला की पॉकेट मारी थी. उसे इसलिए जेल में रखा गया था क्योंकि उसने कश्मीर घाटी में हिंदुस्तान विरोध मुहिम चला रखी थी और वहां के लोगो को हिंदुस्तान के खिलाफ भड़काने का काम करता रहा है.
मसरत की रिहाई का विरोध करते हुए उद्धव ने कहा कि कश्मीर में बीजेपी के राष्ट्रवादी विचारों के सत्ता में होने के बावजूद मसरत आलम जैसे आतंकवादी कैसे छूट सकते है. मसरत आलम को रिहा करके पाकिस्तान के हाथ में मशाल देने की कोशिश की गई थी, क्योंकि यहां मसरत को रिहा किया गया था और वहां लखवी को रिहा कर दिया गया था और लखवी भी हिंदुस्तान के खिलाफ जहर उगल रहा है.
'गिलानी और मसरत जैसे नागों को कुचलना ही रास्ता'
मसरत आलम को रिहा करके जम्मू कश्मीर की मुफ्ती सरकार को क्या हासिल हुआ था. गिलानी और
मसरत जैसे नागों का फन कुचलना ही राष्ट्रीय सुरक्षा का मार्ग है. मसरत आलम पाकिस्तान का एजेंट है और जो पाकिस्तान को कश्मीर में करना है वह मसरत के जरिए किया जाता
है.