श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड में पुलिस हलकान है. आरोपी आफताब की निशानदेही पर पुलिस जंगल-जंगल, कूड़े के ढेर तक दौड़ लगा रही है. वहीं, इस घटना को लेकर, घटना के आरोपी आफताब को लेकर नए-नए खुलासे हो रहे हैं. अब आफताब के बचपन के दोस्त निशंक मोदी ने आजतक से बातचीत करते हुए उसे लेकर कई खुलासे किए.
आजतक से बात करते हुए निशंक ने कहा कि कभी सोचा नहीं था कि आफताब इस तरह का अपराध करेगा. निशंक ने बताया कि हम आफताब को 15 साल से जानते हैं. उन्होंने कहा कि मैं और आफताब स्कूल से आने के बाद खेलने के लिए बाहर जाया करते थे. निशंक ने आगे कहा कि वह (आफताब) अच्छे स्वभाव का था और उसे कभी गुस्से की समस्या नहीं रही.
कॉल सेंटर में काम करता था आफताब
उन्होंने बताया कि आफताब साल 2019 से ही घर से बाहर चला गया था और तब से अलग-अलग जगह रहने लगा था. निशंक के मुताबिक आफताब के घरवाले भी कुछ समय पहले ही बाहर चले गए थे. उन्होंने आगे बताया कि आफताब के परिजन भी कुछ दिन पहले ही अपना घर छोड़कर कहीं और चले गए थे. उसके परिजनों ने तब कहा था कि काम के कारण कहीं और जा रहे हैं.
श्रद्धा हत्याकांड के आरोपी आफताब के परिजनों ने अपना घर किराए पर देने की बात कही थी. निशंक ने बताया कि आफताब पढ़ाई में अच्छा था. आफताब ने होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया था और एक कॉल सेंटर में काम करता था. उन्होंने एक सवाल पर कहा कि मैंने ये सुना है कि श्रद्धा उनके घर आती-जाती थी लेकिन मैंने उसे नहीं देखा था.
'सोचा नहीं था, वह ऐसा अपराध करेगा'
निशंक ने घटना पर हैरानी जताई और कहा कि किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि आफताब इस तरह के अपराध में शामिल होगा. गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस श्रद्धा के कत्ल के मामले में आफताब को गिरफ्तार कर लगातार पूछताछ कर रही है. दिल्ली पुलिस ने आफताब की निशानदेही पर कुछ हड्डियां बरामद भी की हैं जिनकी फोरेंसिक जांच में इंसानी हड्डी होने की पुष्टि हो गई है.
श्रद्धा मर्डर केस में पुलिस को मिले अहम सबूत
बता दें कि श्रद्धा मर्डर केस में महरौली के जंगल से मिले अलग-अलग किस्म के हड्डियों के कई टुकड़ों के बारे में फोरेंसिक टीम ने कई जानकारी दी है. दिल्ली पुलिस के फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की मानें तो इन हड्डियों को देखकर आसानी से पहचाना जा सकता है कि ये इंसान की हैं. हालांकि इन हड्डियों को श्रद्धा की हड्डियां साबित करना अभी भी एक बड़ी चुनौती है. इसके लिए डीएनए टेस्ट कराया जा रहा है. श्रद्धा के पिता का डीएनए सैंपल ले लिया गया है.
फॉरेंसिक टीम के मुताबिक इन हड्डियों में एक फेमर बोन है, यानी वो हड्डी जिसे हम आम बोलचाल की भाषा में जांघ की हड्डी या थाई बोन कहते हैं. इसी तरह पुलिस और एक्सपर्ट्स को वहां से रेडियस उलना, पाटेला और ऐसी कई और हड्डियां मिली हैं. रेडियस उलना यानी कलाई और कोहनी के बीच की हड्डी, इंसान की ये हड्डी काफी मजबूत होती है. पटेला असल में घुटने की हड्डी होती है, जिसे नी-कैप भी कहते हैं. खास बात ये भी है कि इन हड्डियों पर तेजधार हथियार से काटे जाने के भी निशान मिले हैं.
सीसीटीवी फुटेज भी आया सामने
दिल्ली पुलिस को एक ऐसा सीसीटीवी फुटेज हाथ लगा है, जो इस मामले में आफताब के खिलाफ बड़ा सबूत साबित हो सकता है. ये वो सीसीटीवी फुटेज है, जिसमें आफताब अपने कंधे पर पिट्ठू बैग टांगे 18 अक्टूबर की तड़के 4 बजे सुनसान सड़क से गुजरता नजर आ रहा है. पुलिस को शक है कि ये तस्वीरें उस वक्त की हो सकती हैं, जब आफताब श्रद्धा की लाश के टुकड़े निपटाने महरौली जंगल की तरफ जा रहा होगा. यानी शक इस बात का भी है कि आफताब ने श्रद्धा की लाश के टुकड़े एक-दो दिन में नहीं निपटाए, बल्कि ये सिलसिला महीनों तक यूं ही चलता रहा.
इस फुटेज पर पुलिस की निगाहें इसलिए भी कुछ ज्यादा ही टेढ़ी हैं, क्योंकि आरोपी पूछताछ के दौरान लगातार पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करता रहा है. एक रोज़ पहले यानी शुक्रवार को ही दिल्ली पुलिस ने अपने एक प्रेस नोट में इस बात का खुलासा किया था कि आफताब लगातार झूठ बोल रहा है.