
महाराष्ट्र में मुगल बादशाह औरंगजेब और छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को लेकर सियासत गरम है. समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को पत्र लिखकर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि जिस बयान के आधार पर उन्हें बजट सत्र के लिए निलंबित किया गया, वह गलत तरीके से दिखाया गया.
विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में अबू ने कहा, "उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया. बल्कि, उनके बयान को मीडिया द्वारा तोड़-मरोड़कर पेश किया गया.
पत्र में अबू आजमी ने क्या सफाई दी?
अबू आजमी ने बताया कि मीडिया ने उनसे सवाल किया था कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तुलना औरंगजेब से की. जिसके जवाब में उन्होंने कई इतिहासकारों के संदर्भ देते हुए जवाब दिया था.
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स्पीकर को लिखे पत्र में अबू आजमी ने कहा, 'इतिहासकारों के आधार पर कहा था कि औरंगजेब एक योग्य एडमिनिस्ट्रेटर थे और शिवाजी से उनका संघर्ष धर्म के लिए नहीं हुआ था. दोनों के बीच सत्ता और भू-भाग के लिए संघर्ष हुआ था.'
अबू आजमी ने यह भी कहा कि उनका मानना है कि औरंगजेब के शासनकाल के दौरान भारत की सीमा अफगानिस्तान और बर्मा (आज का म्यांमार) तक थी. देश उस समय समृद्ध था, इसलिए अंग्रेज यहां शासन करने की योजना बनाई.
अबू ने अपने बयान को पूरी तरह से ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित बताते हुए बोले- किसी भी महान हस्ती का अपमान नहीं किया गया. बयान को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया और मीडिया ने उन्हें गलत तरीके से उद्धृत किया. मुंह में ऐसे शब्द डाले, जो उन्होंने कभी कहे ही नहीं. इससे उनकी छवि को नुकसान पहुंच रहा. इसलिए विधानसभा से निलंबन रद्द कर दिया जाए.
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बता दें कि अबू के उस विवादास्पद टिप्पणी के बाद बीजेपी लगातार समाजवादी पार्टी पर हमला बोल कर रही है. सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने भी अबू को संभलकर बात करनी की सलाह दी. तो वहीं सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने सदन में ही कहा था कि आजमी को 100 फीसदी गिरफ्तार कर जेल भेज जाएगा. मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने विधानसभा सत्र से अबू आजमी को सस्पेंड करने के लिए प्रस्ताव पेश किया था.