scorecardresearch
 

मुंबई में शिवसेना दफ्तर पर फेंके गए पत्थर, राउत ने कहा- PAK पर करो हमला

शिवसेना के दफ्तर पर पत्थरबाजी के बाद सांसद संजय राउत ने कहा कि अगर उन्हें हमला करना है तो वे पाकिस्तान पर करें. हम मराठा रैली का समर्थन करते हैं. शिवसेना इसके खिलाफ नहीं हैं.

Advertisement
X
सामना में एक कार्टून छपने के बाद पत्थरबाजी
सामना में एक कार्टून छपने के बाद पत्थरबाजी

Advertisement

मराठा आंदोलन की आग अब तेज हो रही है, महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में लाखों की तादाद में मराठी मानुष सड़क पर हैं. इस दौरान शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक कार्टून छपने के बाद मराठा आंदोलन कर रहे लोगों ने शिवसेना के दफ्तर को निशाना बनाया. आंदोलनकारियों ने शिवसेना के दफ्तर पर पत्थरबाजी की. पत्थरबाजी हुई तो मुंबई में शिवसेना के दफ्तर में कांच की दीवारें दरक गईं.

शिवसेना के दफ्तर पर पत्थरबाजी के बाद सांसद संजय राउत ने कहा कि अगर उन्हें हमला करना है तो वे पाकिस्तान पर करें. हम मराठा रैली का समर्थन करते हैं. शिवसेना इसके खिलाफ नहीं हैं.

हालांकि इस मराठा आंदोलन का नेतृत्व कोई पार्टी नहीं कर रही है. फिर भी लाखों लोग इसमें शामिल हो रहे हैं. महाराष्ट्र में सबसे पहला मराठाओं का मोर्चा मराठवाड़ा के औरंगाबाद में निकला. यहीं से इसकी शुरुआत हुई और अब इस आंदोलन की आग पूरे राज्य में फैल रही है. मगर सवाल ये है कि इस आंदोलन का मकसद क्या है?

Advertisement

मराठा आंदोलनकारियों की तीन बड़ी मांगे
पहली मांग कोर्पर्डी बलात्कार और हत्या के आरोपियों को फांसी दी जाए. दूसरी मांग है कि एट्रॉसीटी कानून रद्द किया जाए और तीसरी मांग है कि मराठा समाज को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण दिया जाए.

फडनवीस सरकार के लिए खतरा तो नहीं आंदोलन
अब सवाल ये है कि मराठा आंदोलन का महाराष्ट्र की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा. क्या ये आंदोलन फडनवीस सरकार के लिए खतरे की घंटी है, इस आंदोलन की वजह से मराठा और दलितों में संघर्ष तो नहीं खड़ा हो जाएगा. ये सवाल अब राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि सभी पार्टी के मराठा नेता आदोंलन के साथ प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल हैं.

Advertisement
Advertisement