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सुकेश चंद्रशेखर को बॉम्बे हाई कोर्ट से मिली जमानत, अभी जेल में ही रहेगा महाठग

महाठग सुकेश चंद्रशेखर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने नौ साल पुराने मामले में जमानत दे दी है. लेकिन वह अब भी जेल में रहेगा. क्योंकि सुकेश को खिलाफ दर्ज कुछ अन्य मामलों में उसे अभी भी जमानत मिलनी बाकी है. सुकेश फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है.

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सुकेश चंद्रशेखर-फाइल फोटो
सुकेश चंद्रशेखर-फाइल फोटो

महाठग सुकेश चंद्रशेखर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने नौ साल पुराने मामले में जमानत दे दी है. लेकिन वह अब भी जेल में रहेगा. क्योंकि सुकेश को खिलाफ दर्ज कुछ अन्य मामलों में उसे अभी भी जमानत मिलनी बाकी है. सुकेश फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है.

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सुकेश चंद्रशेखर को 29 मई, 2015 को भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120-बी (आपराधिक साजिश) और प्राइज चिट्स एंड मनी सर्कुलेशन स्कीम्स (बैनिंग) एक्ट और महाराष्ट्र डिपॉजिटर्स के हितों का संरक्षण (वित्तीय प्रतिष्ठानों में) एक्ट की कुछ धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था.

ठगने के लिए शुरू की ये स्कीम
सुकेश और दक्षिण भारतीय अभिनेत्री लीना मारिया पॉल और अन्य के खिलाफ मामला मुंबई के गोरेगांव पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था और इसकी जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) कर रही थी. अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी ने 'लायन ओक इंडियन' नाम से एक फर्जी कंपनी शुरू की और अलग-अलग अवधि की कई निवेश योजनाएं शुरू कीं, जिसमें हर महीने 20 प्रतिशत रिटर्न का आश्वासन दिया गया. साथ ही टाटा नैनो कार, सोने के सिक्के जैसे अन्य लाभ देने को कहा गया था. अपनी पोंजी योजना के माध्यम से उसने 19 करोड़ रुपये जमा किए थे.

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सुकेश को मार्च 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी, जिसमें उसे रिहाई की तारीख से एक महीने के भीतर 3.5 करोड़ रुपये जमा करने को कहा गया था. हालांकि, वह ऐसा करने में विफल रहा और इसके चलते अदालत ने उसकी जमानत रद्द कर दी.

जमानत की मांग करते हुए अधिवक्ता विक्रम सुतारिया ने दलील दी कि सुकेश को अधिकतम सात साल की सजा दी जा सकती है, भले ही वह उसके खिलाफ दर्ज अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया हो, जबकि वह पहले ही सात साल से अधिक समय जेल में बिता चुका है, इसलिए उसे तत्काल रिहा किया जाना चाहिए.

हालांकि, जांचकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त लोक अभियोजक मयूर सोनावने ने दलील दी कि 2017 में सुकेश को दिल्ली में वहां के मामलों में गिरफ्तार किया गया था. न्यायमूर्ति मनीष पिटाले की पीठ ने सुतारिया से सहमति जताई कि सुकेश पहले ही सात साल, 10 महीने की सजा भुगत चुका है.

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