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मुंबई में फिर से खुलेंगे डांस बार, पर नहीं होगी पैसों की बारिश: सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court मुंबई डांस बार (Maubai Dance Bar Case) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. गुरुवार को शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि मुंबई में डांस बार दोबारा से खोले जा सकेंगे, लेकिन इसके लिए सुरक्षा और नियम शर्तों का पालन करना होगा. इससे पहले 30 अगस्त 2018 को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद देश की सबसे बड़ी अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

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Bar girls perform at a dance bar (File Photo) (Courtecy- Reuters)
Bar girls perform at a dance bar (File Photo) (Courtecy- Reuters)

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भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में डांस बार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. गुरुवार को देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि मुंबई में नए सुरक्षा और नियमों के साथ डांस बार दोबारा से खोले जा सकते हैं, लेकिन डांस बार में पैसों की बारिश करने की इजाजत नहीं होगी. अदालत ने कहा कि मुंबई के डांस बार में सीसीटीवी कैमरों की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि ये लोगों की निजता यानी प्राइवेसी का उल्लंघन करते हैं.

इस मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि साल 2005 से सरकार की ओर से एक भी डांस बार को लाइसेंस नहीं दिया गया. वर्तमान नियमों के आधार पर डांस बार पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया जा  सकता है. इससे पहले पिछले साल 30 अगस्त को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

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वहीं, महाराष्ट्र सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच के समझ अपील करने पर विचार करने जा रही है. महाराष्ट्र के मंत्री विनोद तावड़े ने कहा, 'डांस बार समाज के लिए खतरा है. हमने सुप्रीम कोर्ट में अपने शानदार तरीके से अपना पक्ष रखा था. अब हम इस फैसले का अध्ययन करेंगे और अगर जरूरत पड़ी, तो हम मामले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच के समक्ष अपील करेंगे.'

महाराष्ट्र सरकार ने कोर्ट में क्या कहा?

इस मामले की सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि नया कानून संवैधानिक दायरे में आता है और यह गैर कानूनी गतिविधियों और महिलाओं का शोषण भी रोकता है. हालांकि इसी मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट की ओर से कहा गया कि मुंबई में ऐसा लग रहा है कि मोरल पुलिसिंग हो रही है. कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार के कड़े नियमों की वजह से मुंबई में एक भी डांस बार का परिचालन नहीं हो पा रहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा था कि समय के साथ अश्लीलता की परिभाषा भी बदल गई है. पुरानी फिल्मों में चुंबन और प्यार भरे दृश्यों के लिए दो फूलों का मिलना और दो पंछियों का चहचहाना दिखाया जाता था, लेकिन अभी के समाज में लिव-इन को भी कुछ हद तक स्वीकार किया जाता है. देश की सबसे बड़ी अदालत में सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई डांस बार पर लगाए गए प्रतिबंधों को न्यायसंगत ठहराते हुए कहा था कि ये नियम इन क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए है.

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दरअसल, डांस बार मालिकों को किसी भी धार्मिक या शैक्षणिक संस्था से एक किलोमीटर की दूरी पर डांस बार बनाने का आदेश दिया गया था, जिसके बाद डांस बार मालिकों की ओर से इस तरह की प्रतिबंध पर आपत्ति जताई गई और मामला कोर्ट में पहुंच गया. उन्होंने दावा किया है कि बड़े शहरों में इन नियमों का पालन करना संभव नहीं है.

उन्होंने यह भी दावा किया कि 11.30 बजे से डांस बार को बंद करने का एक और प्रतिबंध भेदभावपूर्ण है, जबकि केंद्र सरकार ने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को चौबीसों घंटे चलाए जाने की अनुमति दे रखी है. डांस बार मालिकों ने सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उनका लाइसेंस रिन्यूवल नहीं किया जा रहा है. नए लाइसेंस भी नहीं दिए जा रहे.

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