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महाराष्ट्र: आदिवासियों पर बन रही थी फिल्म, ऑडिशन देने पहुंच गए आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में आदिवासियों से जुड़ी एक फिल्म की शूटिंग हो रही थी. वहां आत्मसमर्पण करने वाले कई नक्सली फिल्म में काम पाने के लिए ऑडिशन देने पहुंच गए. फिल्म के निर्माता और अभिनेत्री ने इन पूर्व नक्सलियों को एक्टिंग की ट्रेनिंग भी दी. आदिवासियों के कूर्मघर परंपरा पर यह फिल्म बनाई जा रही है.

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पूर्व नक्सलियों ने भी दिया ऑडिशन
पूर्व नक्सलियों ने भी दिया ऑडिशन

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में आदिवासियों पर बन रही एक फिल्म में ऑडिशन देने के लिए ऐसे कई लोग पहुंच गए जो पहले नक्सली थे. ये पूर्व नक्सली आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ गए थे.

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निर्माता विशाल कपूर और अभिनेत्री तृप्ति भोईर द्वारा बनाई जा रही फिल्म में भूमिका पाने के लिए कई  पूर्व नक्सलियों ने ऑडिशन दिया. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को फिल्मों में करियर बनाने में मदद करने के लिए गढ़चिरौली के एसपी नीलोत्पल की मदद से यह पहल की गई थी.

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में बहुसंख्यक आबादी आदिवासियों की है जो दूरदराज के इलाकों में रहते हैं. आदिवासी सदियों पुरानी परंपराओं का पालन करते हैं और उनमें से एक परंपरा कूर्मघर की है.

गढ़चिरौली में आदिवासियों में एक परंपरा है जिसमें इस क्षेत्र की महिलाओं को मासिक धर्म (पीरियड्स) के दिनों में घर के बाहर एक छोटी सी झोपड़ी में रहना पड़ता है जिसे कूर्मघर कहा जाता है. 

इसी परंपरा पर "कूर्मघर" नाम की फिल्म बनाई जा रही है. निर्माता विशाल कपूर मराठी भाषा में एगडबम, टूरिंग टॉकीज, नमस्कार जयहिंद, तुझ्या माझ्या संसारला और काये हैव जैसी कई बेहतरीन फिल्में बना चुके हैं.

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गढ़चिरौली पुलिस मुख्यालय के पास नवजीवन कॉलोनी में शनिवार को नक्सलवाद की राह छोड़कर गढ़चिरौली पुलिस बल के सामने आत्मसमर्पण करने वाले कई लोग ऑडिशन देने के लिए मौजूद रहे. 

आत्मसमर्पण करने वाले पुरुष और महिला नक्सलियों ने ऑडिशन दिया. उन्हें भोईर और कपूर द्वारा वॉयस मॉड्यूलेशन और अभिनय का प्रशिक्षण भी दिया गया. गढ़चिरौली पुलिस के अधीक्षक नीलोत्पल ने कहा कि यह पहल इसलिए की गई है ताकि भविष्य में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को फिल्मों में अभिनय करने का मौका मिल सके.

 

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