एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मर्डर मिस्ट्री से पर्दा उठने लगा है. इसके साथ ही मुंबई पुलिस की रडार पर वो लोग आ गए हैं, जिन्होंने उसके खिलाफ सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया था. मुंबई पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की है, जिसमें तमाम सोशल मीडिया और फर्जी अकाउंट्स के जरिए मुंबई पुलिस कमिश्नर की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया गया है.
डीसीपी-साइबर सेल रश्मि करंदीकर ने कहा कि मुंबई पुलिस कमिश्नर को ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे विभिन्न प्लेटफार्मों पर बदनाम करने के साथ ही उनके (पुलिस कमिश्नर) और मुंबई पुलिस के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए आईटी एक्ट के तहत 2 एफआईआर दर्ज की गई है.
डीसीपी-साइबर सेल रश्मि करंदीकर के मुताबिक, पहली एफआईआर मुंबई पुलिस कमिश्नर और फोर्स को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से बदनाम करने से संबंधित है और दूसरी एफआईआर मुंबई पुलिस आयुक्त के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट की फर्जी तस्वीर को वायरल करने के संबंध में है. हम दोनों मामलों की जांच कर रहे हैं.
मुंबई पुलिस के इस कदम का कांग्रेस ने स्वागत किया है. कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि सुशांत मामले में सोशल मीडिया रैकेट के खिलाफ कार्रवाई का हम स्वागत करते हैं. जल्द ही हम उन सोशल मीडिया अकाउंट्स का खुलासा करेंगें, जिन्हें बीजेपी आईटी सेल ने बनाया था, जिसका मकसद मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र को बदनाम करना था.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सुशांत केस में मुंबई पुलिस का मनोबल गिराने के लिए इटली, जापान, पोलैंड, थाईलैंड, रोमानिया, फ्रांस समेत अलग-अलग देशों से कैंपेन चलाया गया था. इस दौरान 80 हजार से अधिक फेक अकाउंट्स बनाए गए थे. फिलहाल, पूरे मामले की जांच मुंबई साइबर सेल कर रही है.