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महाराष्ट्र में गिलेन-बैरे सिंड्रोम से मौतों की संख्या बढ़कर हुई पांच, पुणे में सबसे ज्यादा मामला

पुणे के वारजे में 60 साल के व्यक्ति की GBS के कारण मौत हो गई. स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, रोगी की मौत सांस लेने में दिक्कत के कारण हुई. ये इस बीमारी से पांचवीं मौत है. अब तक राज्य में कुल 149 संदिग्ध मामले सामने आए हैं. इनमें से 124 मरीजों की GBS से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.

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 यह सांकेतिक तस्वीर है
यह सांकेतिक तस्वीर है

महाराष्ट्र में गुलेन बैरी सिंड्रोम (GB Syndrome) से संदिग्ध मौतों की संख्या शनिवार को बढ़कर पांच हो गई. राज्य में अब तक इस दुर्लभ बीमारी के कुल 149 संदिग्ध मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 124 मामलों की पुष्टि हो चुकी है.

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पुणे में 60 साल के व्यक्ति की मौत

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को पुणे के वारजे क्षेत्र में 60 साल के व्यक्ति की GBS के कारण मृत्यु हो गई. स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, रोगी की मौत सांस लेने में दिक्कत (Respiratory Failure) के कारण हुई. इससे पहले राज्य में चार और संदिग्ध मौतें दर्ज की गई थीं.

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, अब तक राज्य में कुल 149 संदिग्ध मामले सामने आए हैं. इनमें से 124 मरीजों की GBS से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. इस बीमारी से पुणे में 29 संक्रमित मरीज हैं जबकि पिंपरी-चिंचवड़ से 17 मरीज, पुणे ग्रामीण क्षेत्र से 13 मरीज, अन्य जिलों से 8 मरीज शामिल हैं.

पानी के नमूनों की जांच में हुआ खुलासा

पुणे और आसपास के इलाकों में GBS के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं. इसे ध्यान में रखते हुए,सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला (Public Health Laboratory) में पानी के रासायनिक और जैविक विश्लेषण के लिए 160 नमूने भेजे गए थे. शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से 8 जल स्रोतों के नमूने दूषित पाए गए हैं.

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स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पुणे के सिंहगढ़ रोड इलाके में कुछ निजी बोरवेल से लिए गए पानी के नमूनों में ई-कोलाई (E. Coli) बैक्टीरिया की पुष्टि हुई है. पानी में ई-कोलाई की उपस्थिति आमतौर पर मल-मूत्र या पशु अपशिष्ट से प्रदूषण का संकेत देती है और इससे GBS संक्रमण होने की आशंका बढ़ जाती है.

GBS क्या है?

गुलेन बैरी सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ तंत्रिका संबंधी रोग है, जिसमें मरीज को अचानक सुन्नपन और मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होने लगती है. इसके प्रमुख लक्षणों में हाथ-पैरों में गंभीर कमजोरी और सुन्नपन शामिल है. GBS संक्रमण का मुख्य कारण कैंपीलोबैक्टर जेजुनी (Campylobacter Jejuni) नामक बैक्टीरिया माना जाता है, जो दूषित भोजन और पानी में पाया जाता है.

स्वास्थ्य विभाग ने इस इलाके के लोगों का खासतौर पर पानी को उबालकर और फ़िल्टर कर पीने की सलाह दी है. संक्रमित इलाकों में जल स्रोतों की निगरानी बढ़ाई गई है और संदिग्ध लक्षणों वाले लोगों को तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने का निर्देश दिया गया है.


 

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