महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक विशेष अदालत ने छह साल की बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में एक व्यक्ति को 20 साल की सजा सुनाई है. विशेष न्यायाधीश डी एस देशमुख ने भयंदर निवासी 38 साल के आरोपी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार) और 376 (एबी)(बारह साल से कम उम्र की महिला के साथ बलात्कार) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत आरोपों का दोषी पाया है.
पिछले सप्ताह पारित आदेश की एक कॉपी मंगलवार को उपलब्ध कराई गई. सरकारी वकील रेखा हिवराले ने कहा कि घटना 11 फरवरी, 2021 को भयंदर में हुई थी. पीड़िता की मां ने काम से घर लौटने पर देखा कि उसकी बेटी गायब थी. उसे बताया गया कि पड़ोस में रहने वाला आरोपी उसे नाश्ते के लिए बाहर ले गया है.
लड़की को आरोपी के घर में 10 रुपये के दो नोटों के साथ पाया गया. बाद में उसने अपनी मां को बताया कि आरोपी ने उसे पैसे दिए, उसकी पैंट उतारी और उसे अनुचित तरीके से छुआ.
आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई तो उसे अगले दिन गिरफ्तार कर लिया गया. अदालत ने आदेश में कहा,'बच्चे पर यौन उत्पीड़न के कृत्य को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और ऐसे अपराधों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए.' न्यायाधीश ने आरोपी की नरमी की दलील को स्वीकार करते हुए 2021 से उसकी लंबी हिरासत और उसके परिवार की उस पर निर्भरता का हवाला दिया. उन्होंने कहा,'आरोपी ने कहा कि वह अब 38 साल का है. पिछले चार साल से अधिक समय से वह जेल में है. वह परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य है. उसके बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी और बच्चे हैं. आरोपी को सजा सुनाते समय इन तथ्यों को ध्यान में रखा जाना चाहिए.'
हालांकि, उन्होंने POCSO अधिनियम के वैधानिक आदेश का हवाला दिया और आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया, साथ ही चूक की स्थिति में तीन महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भी लगाया. न्यायाधीश ने आदेश दिया कि अभियुक्त द्वारा गिरफ्तारी के बाद से जेल में बिताया गया समय उसकी सजा में शामिल किया जाए.