केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने महाराष्ट्र के यवतमाल में बाघिन अवनि को मारने पर कड़ी नाराजगी जताई है मेनका गांधी ने कहा है कि अवनि की 'क्रूरता से हत्या' की गई. मेनका गांधी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इस घटना को लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट किए. मेनका गांधी ने कहा कि अवनि बाघिन को मारना साफ-साफ अपराध का एक मामला है.
बता दें कि महराष्ट्र में एक अभियान चला कर अवनि को मौत की नींद सुला दिया गया. ऐसा माना जाता है कि इस खूंखार बाघिन ने 13 लोगों को शिकार बना लिया था.
मेनका गांधी ने कहा कि कई बार कई संगठनों द्वारा अपील किये जाने के बाद भी महाराष्ट्र के वन मंत्री एस एस मुनगंटीवार ने इस बाघिन को मारने के आदेश दिए. मेनका ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि वे बार-बार ऐसा करते आ रहे हैं. मेनका ने कहा, "ये तीसरा बाघ है जिसकी हत्या की गई है, इसके अलावा कई तेंदुआ और भालू भी मारे गए हैं.
मेनका गांधी ने महाराष्ट्र सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि, 'यह पूरी तरह से अवैध है, वन विभाग के अधिकारी बाघिन को बेहोश करने और पकड़ने में सक्षम हैं, फिर भी शूटर शाफत अली खान ने महाराष्ट्र के वन मंत्री के आदेश पर उसे मार डाला.It is nothing but a straight case of crime. Despite several requests from many stakeholders, Sh @SMungantiwar, Minister for Forests, #Maharashtra, gave orders for the killing. #Justice4TigressAvni
— Maneka Gandhi (@Manekagandhibjp) November 4, 2018
जानवरों के प्रति प्रेम का भाव रखने के लिए मशहूर मेनका ने कहा कि वे इस मामले को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ उठाएंगी. इस बाघिन को शार्प शूटर असगर अली ने मारा. असगर, मशहूर शार्प शूटर शफत अली के बेटे हैं. इस नरभक्षी बाघिन को रालेगांव थाने की सीमा में पड़ने वाले बोराती जंगल में घेर लिया गया था.
सितम्बर महीने में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि इस बाघिन को गोली मारी जा सकती है, इसके बाद उसे माफी देने की ऑनलाइन याचिकाओं की बाढ़ आ गई थी. वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि उसे जिंदा पकड़ने का प्रयास किया, पर घना जंगल और अंधेरा होने की वजह से ऐसा नहीं हो सका, आखिरकार एक गोली दागी गई और बाघिन ढेर हो गई.