कर्नाटक के बाद अब महाराष्ट्र में टीपू सुल्तान पर राजनीति शुरू हो गई है. दरअसल पिछले महाविकास अघाड़ी सरकार (एमवीए) में एक मंत्री ने अपने विधानसभा क्षेत्र में एक गार्डेन बनवाया था, जिसका नाम टीम सुल्तान पर रख दिया गया था. हालांकि उसी के बाद से ही बीजेपी लगातार इसका नाम बदलने को लेकर प्रदर्शन कर रही थी. इस मामले में शुक्रवार को बीजेपी की जीत हुई.
मुंबई उपनगरीय जिले के संरक्षक मंत्री और बीजेपी नेता मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि आखिरकार दक्षिणपंथियों की जीत हुई. उन्होंने बताया कि डीपीडीसी की बैठक में सकल हिंदू समाज के विरोध और सांसद गोपाल शेट्टी की मांग पर विचार करने के बाद मलाड में एक पार्क से टीपू सुल्तान का नाम हटाने का आदेश दे दिया गया.
प्रभात लोढ़ा ने कहा कि 10 दिन पहले हमारे सभी नेताओं और आम लोगों ने मलाड के पार्क से "टीपू सुल्तान" का नाम हटाने के लिए कहा था. टीपू सुल्तान नाम कभी भी इस पार्क को दिया गया नाम नहीं था. यह अभिलेखों में कहीं नहीं है. शिवाजी महाराज की भूमि में अगर कोई अवैध रूप से नाम बदलने की कोशिश करता है तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैठक के बाद प्रभाव लोढ़ा ने उपनगरीय जिला कलेक्टर को आदेश दिया है कि पार्क का नाम जल्द से जल्द बदला जाए.
पिछले जनवरी को किया गया विरोध
पिछले साल एमवीए सरकार ने मैदान का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखा था. दरअसल मलाड के मुस्लिम बहुल इलाका है. असलम शेख एमवीए सरकार में मंत्री थी. उन्होंने अपने विधायक फंड से एक पार्क बनवाया था, जिसका नाम टीपू सुल्तान रखा गया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले साल 26 जनवरी को बीजेपी, बजरंग ने मलाड चौराहे पर जाम लगाकर पार्क का नाम टीपू सुल्तान रखने का विरोध किया था. इस दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर बल प्रयोग किया था. पुलिस ने कई को हिरासत में भी लिया था.