पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को मुंबई में राजनीति, फिल्म, लेखन और साहित्य से जुड़ी प्रतिष्ठित हस्तियों से मुलाकात की. टीएमसी चीफ ने देश के तमाम सम-सामयिक मुद्दों पर अतिथियों के साथ संवाद भी किया. विपक्ष का चेहरा बनने को आतुर ममता ने इस दौरान केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा कि टीएमसी के सत्ता में आने पर यूएपीए कानून खत्म कर दिया जाएगा. बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर के एक सवाल के जवाब में सीएम बनर्जी ने यह बात कही.
नरीमन प्वाइंट स्थित वाई.बी. चव्हाण सेंटर में आयोजित गाला इवेंट में ममता बनर्जी ने कहा, समाज के लिए यूएपीए सही नहीं है. अब इसका दुरुपयोग हो रहा है. मेरी किसी भी एजेंसी से व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है लेकिन कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है. अगर बीजेपी सत्ता से चली जाती है और हम सत्ता में आते हैं, तो मैं आपको आश्वस्त कर सकती हूं कि ऐसा कोई कानून नहीं होगा जो लोगों के खिलाफ हो. उन्होंने कहा कि रचनात्मक आलोचना की जरूरत है.
समाज में बंटवारा नहीं चाहते
एक और सवाल के जवाब में टीएमसी प्रमुख ने कहा, 'मैं एक छोटी-सी कार्यकर्ता हूं. और मैं एक कार्यकर्ता के रूप में ही अपनी राजनीतिक यात्रा जारी रखना चाहती हूं. हम समाज में बंटवारा नहीं चाहते. अगर वे (बीजेपी) नैरेटिव बनाते हैं तो हमें विरोध करना चाहिए.
मोदी डरे हुए हैं
वहीं, इस संवाद कार्यक्रम में सीएम ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि चुनाव के समय मोदी डरे हुए हैं और इसलिए पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम हो जाती हैं लेकिन बाकी समय कीमत बढ़ जाती हैं. यही डर है कि केंद्र ने कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया गया.
तो बीजेपी को हराना आसान
राष्ट्रीय राजनीति में विपक्ष की सिरमौर बनने के लिए प्रयासरत ममता बनर्जी ने बातचीत में कहा कि राजनीति में निरंतर प्रयास करने की जरूरत है. अगर सभी क्षेत्रीय दल एक साथ आ जाएं तो बीजेपी को हराना आसान हो जाएगा. टीएमसी प्रमुख ने कहा कि भले ही राज्य में चीजें हमारे हित में हों, लेकिन दूसरे क्षेत्रीय दल भी बाहर निकल सकें और अच्छी प्रतिस्पर्धा हो इसलिए मुझे राज्य से बाहर निकलना पड़ा.
विस्तारवाद करने में जुटी TMC
मामूल हो कि पश्चिम बंगाल में फतह के बाद तृणमूल कांग्रेस प्रमुख पूरे देशभर में अपनी पार्टी का विस्तारवाद करने में जुटी है. साथ ही विपक्षी दलों की कतार में खुद को सबसे आगे खड़ा करने का प्रयास कर रही है. यही वजह है कि टीएमसी ने कांग्रेस में तोड़फोड़ करते हुए देश की सबसे पुरानी पार्टी के तमाम बड़े नेताओं को अपने पाले में खींच लिया. वहीं, हमेशा की तरह उनकी इस बार दिल्ली दौरे के दौरान कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी से कोई मुलाकात नहीं हुई.