सबके घरों में रोज इस्तेमाल होने वाला प्याज एक बार फिर रुला सकता है. नासिक स्थित एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी आज से अनिश्चितकाल के लिए बंद रहेगी. व्यापारी हड़ताल पर चले गए हैं. इस वजह से न तो किसान अपना प्याज बेच पा रहे हैं, न ही महाराष्ट्र समेत दूसरे राज्यों में प्याज भेजा जा सकेगा. ऐसे में प्याज के दाम आनेवाले दिनों में बढ़ सकते हैं.
दरअसल, प्याज व्यापारी और मजदूरों के बीच अनबन और महाराष्ट्र सरकार की अनदेखी की वजह से प्याज का कारोबार ठप हो गया है. आज से नासिक की सभी 14 प्याज मंडियां प्याज करोबारियों के नीलामी में न आने की वजह से अनिश्चितकाल के लिए बंद हो गयी हैं. प्याज के कारोबारियों ने मंडी के चैयरमेन को 30 मई को खत लिखा था कि अगर वह प्याज की खरीद फरोख्त में मजदूरों को दी जानेवाली मजदूरी में इजाफा और अन्य मुद्दों पर उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी तो वे 16 जून से किसी भी मंडी की नीलामी में शामिल नहीं होंगे. प्याज की मंडियों में 90 से 95 फीसदी प्याज का कारोबार यही व्यापारी करते हैं, इसी वजह से आज से मार्किट में प्याज का कारोबार बंद ही रहा.
मजदूरों का कहना है कि वो कई वर्षों से यह काम करते आ रहे हैं. मंडी में जबसे आधुनिक उपकरण जैसे इलेक्ट्रॉनिक तोलाई की मशीन लगाईं गई, तब मजदूरों का काम काफी काम रह गया था. इसी वक्त हाइड्रोलिक ट्रैक्टर मार्केट में आ रहे थे, तब काम और कम हो गया. 1998 में सभी प्याज की मंडी के अध्यक्ष ने मजदूर संगठनों को लिख कर दिया था कि उन्हें प्याज की खरीद फरोख्त में मिलने मजदूरी मिलती ही रहेगी, किसी को भी काम से निकाला नहीं जाएगा. इसी का हवाला देते हुए मजदूर संगठन व्यापारी और महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं.
व्यापारी यूनियनों ने महाराष्ट्र के कृषि मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल से भी मीटिंग की. शनिवार की बेनतीजा मीटिंग के बाद व्यापारी हड़ताल पर चले गए हैं. अब फैसला महाराष्ट्र सरकार को लेना है, तभी यह हड़ताल खत्म होगी.