महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन ने सरकार की टेंशन बढ़ा दी है. यही वजह है कि शिंदे सरकार ताबड़तोड़ फैसले लेने से नहीं हिचक रही है. मंगलवार को सबसे पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने खुद मनोज जरांगे से फोन पर बातचीत की. उसके बाद कैबिनेट की बैठक में बड़े फैसले लिए गए और शिंदे कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट को मंजूरी दी गई. इससे पहले सोलापुर में रेल रोको आंदोलन किया गया. हंगामे को देखते हुए ठाणे में सीएम शिंदे के आवास की सुरक्षा बढ़ाई गई. इतना ही नहीं, मुंबई- बेंगलुरु हाइवे भी दो घंटे तक जाम कर दिया गया.
मंगलवार को कैबिनेट की मीटिंग के बाद सरकार ने कहा है कि जिन लोगों ने कुनबी जाति से संबंधित होने का प्रमाण पत्र जमा कर दिया है, उन्हें कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने की कार्यवाही शुरू होगी. पिछड़ा आयोग मराठा समुदाय की सामाजिक और शैक्षिक प्रगति की जांच के लिए नए इम्प्रीसियल डेटा एकत्र करेगा. जस्टिस दिलीप भोसले सरकार की एडवाइजरी कमेटी के प्रमुख होंगे. इस कमेटी में जस्टिस संदीप शिंदे और जस्टिस मारुति गायकवाड़ होंगे, जो मराठा आरक्षण के संबंध में कानूनी मामले में सरकार का मार्गदर्शन करेंगे.
क्या कहती है शिंदे कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट?
शिंदे कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट के अनुसार, मराठवाड़ा क्षेत्र के करीब 11,353 मराठों को अब महाराष्ट्र कैबिनेट से रिपोर्ट की मंजूरी के बाद कुनबी जाति प्रमाण पत्र मिलेगा.
वहीं, मराठा आरक्षण का समर्थन करने वाले प्रदर्शनकारियों ने मुंबई बेंगलुरु-हाइवे को दो घंटे तक जाम कर दिया, जिससे भीषण जाम लग गया. प्रदर्शनकारी अब भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. दोनों तरफ भीषण जाम लगा है. लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इधर, सीएम एकनाथ शिंदे के ठाणे स्थित आवास पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
वहीं, सोलापुर में मराठा क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने ट्रेन रोक दी. शेतेनगर में रेलवे ट्रैक पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया. रेलवे ट्रैक पर ट्रेन रोककर प्रदर्शन किया गया. रेलवे पुलिस और सोलापुर सिटी पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को ट्रैक से हटाया. प्रदर्शनकारी राम जाधव, निशांत साल्वे को सोलापुर पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
क्या बोले मनोज जरांगे पाटिल?
मनोज जरांगे पाटिल ने बताया कि आरक्षण के बारे में सीएम से बात हुई है. हम चरणों में आरक्षण नहीं लेंगे. विशेष सत्र बुलाओ और आरक्षण दो. हमने दोपहर में अपने थिंक टैंक की बैठक बुलाई है. हम व्यवसाय के आधार पर आरक्षण मांग रहे हैं. हम किसान हैं जो कुनबी के अंतर्गत आते हैं. मैंने स्पष्ट कर दिया है कि व्यवसाय खेती है इसलिए आरक्षण दिया जा सकता है. जो मराठा सर्टिफिकेट नहीं लेना चाहते हैं, वे ना लें.
इससे पहले मराठा आरक्षण के मुद्दे पर हिंसा की घटनाओं के बीच मंगलवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कार्यकर्ता मनोज जरांगे से फोन पर बातचीत की. उन्होंने कैबिनेट की बैठक में मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाण पत्र देने पर ठोस निर्णय लेने का आश्वासन दिया. जरांगे मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर 25 अक्टूबर से जालना जिले के अपने पैतृक गांव अंतरवाली सरती में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं.
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में कहा, सीएम शिंदे के साथ संतोषजनक चर्चा के बाद जरांगे ने अपने विरोध के दौरान पानी पीना शुरू कर दिया. मराठा समुदाय के सदस्य अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. कुछ जगहों पर कोटा समर्थकों ने कुछ नेताओं के आवासों पर तोड़फोड़ और आगजनी की. महाराष्ट्र के धाराशिव जिले में हिंसा की घटनाओं के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया है.
CM शिंदे ने जारांगे को दिया आश्वासन
सीएमओ के बयान में कहा गया है कि सीएम शिंदे ने मंगलवार सुबह जरांगे को फोन किया और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. सीएम शिंदे ने जारांगे को आश्वासन दिया कि वो कैबिनेट बैठक में मराठा समुदाय को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में ठोस निर्णय लेंगे. शिंदे ने जरांगे को यह भी बताया कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दायर करने के लिए तैयार है.
मई 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने 50 प्रतिशत कोटा सीमा का उल्लंघन करने के लिए महाराष्ट्र के सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 2018 को रद्द कर दिया था, जिसने मराठा समुदाय को आरक्षण दिया था. जरांगे के नेतृत्व में मराठा समुदाय मराठों को कुनबी प्रमाणपत्र जारी करने की मांग कर रहा है, जिससे उन्हें आरक्षण के लिए ओबीसी श्रेणी में शामिल किया जा सके. महाराष्ट्र में कुनबी (कृषि से जुड़ा समुदाय) को ओबीसी श्रेणी में रखा गया है.