बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा मुंबई के आरे कॉलोनी को जंगल घोषित करने की सभी याचिकाओं को खारिज करने के बाद शुक्रवार को पेड़ काटने का काम शुरू हो गया. हालांकि, कुछ देर में ही प्रदर्शनकारी भी वहां पहुंच गए और मेट्रो रेल साइट पर जमकर नारेबाजी की.
आरे कॉलोनी की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर पुलिस ने बैरिकेड लगा दी है. कॉलोनी के तीन किलोमीटर तक के इलाके में किसी को पुलिस आने की इजाजत नहीं दे रही है. 100 से ज्यादा लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. मीडिया को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है.
इस बीच बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर, फिल्मकार ओनिर समेत कई बड़ी हस्तियों ने भी ट्विटर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. काटे जा रहे पेड़ों के वीडियो को ट्वीट कर रहे हैं. विरोध में लोग यह भी लिख रहे हैं कि आरे कॉलोनी को बर्बाद किया जा रहा है.
महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर होने वाले चुनाव में भले ही शिवसेना और बीजेपी के बीच गठबंधन हो, लेकिन शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे आरे के जंगलों पर गठबंधन से अलग राय रखते हैं.
आदित्य ठाकरे ने जंगलों को काटे जाने का विरोध किया है, साथ ही केंद्र सरकार और राज्य सरकार को भी जता दिया है कि वे पर्यावरण के मुद्दे पर एकमत नहीं हैं.
There’s no point for the Central government ministry of climate change to exist, or to speak about plastic pollution when the @MumbaiMetro3 senselessly destroys the Aarey vicinity. This ego battle taken up by Metro 3 is destroying the purpose of making it.
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) October 4, 2019
आदित्य ठाकरे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन पर केंद्र सरकार के मंत्रालय का कोई मतलब नहीं है. मुंबई मेट्रो के निर्माण के साथ प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में बात करना है संवेदनहीनता है. आरे के आसपास के क्षेत्र में पर्यावरण को तबाह किया जा रहा है. अहंकार की लड़ाई इसे बनाने के उद्देश्य को नष्ट कर रही है.
Isn’t this illegal!?! This is happening at #Aarey right now. Why? How? @AUThackeray @mybmc @CMOMaharashtra @TOIIndiaNews @MumbaiMirror @fayedsouza @VishalDadlani @ShraddhaKapoor pic.twitter.com/V8IrO6M2dU
— Dia Mirza (@deespeak) October 4, 2019
विरोध प्रदर्शन ज़्यादा हुआ तो कई बड़े लोग भी यहां आधी रात के बाद पहुंचने लगे. कुछ सेलिब्रिटीज के साथ शिव सेना नेता शुभ राउल और शीतल महात्रे भी पहुंचीं. इनका कहना था कि ज़मीन सरकारी है और उन्हें पूरा हक है ये जानने का कि यह पेड़ कटे हैं तो कितने कटे हैं. पूर्व मेयर शुभा राउल ने कहा कि सिर्फ पेड़ों की हत्या नहीं, ये डेमोक्रेसी की भी हत्या है.
In the cover of darkness the axe falls on our trees . RIP #AareyForest ... we failed you . My heart breaks to know that by morning many proud erect trees will have fallen to human greed . pic.twitter.com/VJdnRl7o6c
— Onir (@IamOnir) October 4, 2019
दरअसल प्रदर्शनकारियों का विरोध मेट्रो प्रोजेक्ट के खिलाफ नहीं है. सिर्फ वे यह नहीं चाहते कि कारशेड यहां के 2600 से ज़्यादा पेड़ों को काट कर बने.
Ms DSouza, calm down pl & read Hon Bombay HC verdict at https://t.co/qhWsihscQLhttps://t.co/k5v8mu40sr. For a change pl understand other side of d story too & be properly informed. Rhetorics don't work always wen larger interests of d society r involved. https://t.co/4G1Ot9PJBJ
— Ashwini Bhide (@AshwiniBhide) October 4, 2019
एमएमआरसीएल का कहना है कि उनके पास पेड़ काटने की अनुमति है. वहीं प्रदर्शनकारियों का कहना है कि एमएमआरसीएल ये पेड़ तभी काट सकता है, जब परमिशन को म्युनिसिपल कारपोरेशन के वेबसाइट पर अपलोड होने के 15 दिन बीत चुके हों.
हिंदू धर्म सिखाता है की सूर्य के ढलने के बाद एक भी पत्ता पेड़ से नहीं काँटा जा सकता! यहां कलयुग में सारे झाड़ के झाड काँटे जा रहे हैं :शर्मनाक! #Aarey #FridayFeeling #FridayThoughts @sabrangindia @amrita_02 @PreetiSMenon @RahulGandhi @SitaramYechury @alterlaw @ArvindKejriwal pic.twitter.com/5nbl3TDBXQ
— Teesta Setalvad (@TeestaSetalvad) October 4, 2019
हिंदू धर्म का हवाला देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने कहा कि हिंदू धर्म सिखाता है कि सूर्य ढलने के बाद एक पत्ता भी पेड़ से नहीं काटा जा सकता. यहां कलियुग में सारे झाड़ के झाड़ काटे जा रहे हैं.
Women peacefully sitting for dharna were beaten n dragged forcefully , theirz no guarantee if this place left with free run to tree cutters, they will massacre the trees again as already 300 trees were cut in just 2 hours... #SaveAareyForest @TeestaSetalvad @zainabsikander pic.twitter.com/69M6vpAOY5
— #SaveMumbaiforest (@SaveMumbaifore1) October 4, 2019
चिपको आंदोलन जैसा माहौल
वन प्रेमी और सामाजिकर कार्यकर्ता उन पेड़ों से चिपकने जा रहे हैं, जहां कटान की होने वाली है. पुलिस लगातार प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश कर रही है, लेकिन आरे के समर्थक इकट्ठे हो रहे हैं. इस दौरान पुलिस को कुछ जगहों पर लोगों को हटाने के लिए जूझती नजर आ रही है.
कुछ महिलाएं शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रही थीं तभी पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की. सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि महज 2 घंटे के भीतर 300 से ज्यादा पेड़ों की कटाई हो गई है.
15 दिन का ये समय याचिकाकर्ताओं को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए काफी था. लेकिन रातोरात अचानक पेड़ कटने से सब सदमे में आ गए.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने एनजीओ वनाशक्ति के जरिए आरे कॉलोनी को जंगल घोषित करने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया. पेड़ों को काटने के खिलाफ दूसरी याचिका को भी बॉम्बे हाई कोर्ट ने खारिज कर दी.
Women peacefully sitting for dharna were beaten n dragged forcefully , theirz no guarantee if this place left with free run to tree cutters, they will massacre the trees again as already 300 trees were cut in just 2 hours... #SaveAareyForest @TeestaSetalvad @zainabsikander pic.twitter.com/69M6vpAOY5
— #SaveMumbaiforest (@SaveMumbaifore1) October 4, 2019
बॉम्बे हाई कोर्ट ने बीएमसी के फैसले के खिलाफ सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है. बीएमसी ने मुंबई के आरे जंगल में मेट्रो कार शेड के लिए 2700 से ज्यादा पेड़ों की कटाई की अनुमति दी गई थी.
पीएम मोदी को पत्र
आरे जंगल में पेड़ों को काटने के विरोध में पर्यावरणविद और वकील गॉडफ्रे पिमेंता ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की थी. पत्र में कहा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन सबका साथ सबका विकास को ध्यान में रखते हुए फैसला लेना चाहिए था. हम उम्मीद करते हैं कि आरे मिल्क कॉलोनी की सुरक्षा के लिए कई अहम कदम उठाए जाएंगे.
क्या है विवाद
मुंबई के आरे क्षेत्र में मेट्रो कार शेड बनना है. इसके लिए आरे के जंगलों के 2,700 पेड़ काटे जाने है जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं. मेट्रो के लिए पेड़ों की कटाई का मुंबई की सड़कों पर उतरकर लोग विरोध दर्ज करा रहे हैं. लता मंगेशकर, अभिनेत्री श्रद्धा कपूर समेत कई हस्तियों ने पेड़ काटने का विरोध किया है.