‘बांध में पानी नहीं है तो क्या मैं वहां पेशाब करूं’, इस गैर-जिम्मेदाराना भाषण के बारे में सोचते ही महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार की जुबान लड़खडा़ जाती है. इस बारिश के मौसम में बारिश बहुत अच्छी हुई है, इससे अजित पवार बहुत खुश हैं. जैसे ही जिक्र आता है कि बांध में पानी नहीं है तो वे भाषण देते-देते रुक जाते हैं.
पुणे में शनिवार को एनसीपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अजित पवार ने बारिश अच्छी होने से सारे बांध लबा-लब होने की खुशी जाहिर की. लेकिन पिछले साल बारिश नहीं होने से क्या हालत हुई थी, इसका जिक्र करते ही खुद ही भाषण देते-देते अटक गए. शायद उस पल अजित पवार को उनकी उस बेतुकी बयानबाजी की याद आ गई हो. जिस कारण उन्हें उप मुख्यमंत्री पद कुछ दिनों के लिए छोड़ना पड़ा था.
उन्होंने कहा, खेती के लिए पानी की समस्या थी, पीने के पानी की समस्या थी, बांध में जब पानी नहीं था तो क्या-क्या समस्या नहीं थी. लेकिन अब बांध भर जाने से हमने बहुत समझदार तरीके से निर्णय लिए हैं. पुणे में जहां दो दिनों में एक बार पानी देने की व्यवस्था को एक बार फिर से शुरू किया जाएगा.
अजित पवार ने भाषण में कहा कि इस साल पानी सबको सामान तरीके से मिलेगा, इसके बारे में नियोजन किया है ताकि पिछले साल जैसे हालत पैदा ही ना हों.
चुनाव अभी दूर है लेकिन चुनावी वादे अभी से शुरू हो गए हैं. एनसीपी नेता अजित पवार ने आदिवासी छात्रों को लैपटॉप देने का लालच अभी से दे दिया है. यानी अगर एनसीपी सत्ता में आती है तो आदिवासियों को लैपटॉप दिया जाएगा.दूसरी ओर एनसीपी नेता शरद पवार ने चुनावी चाल में आरक्षण का पासा फेंका है. पुणे में शरद पवार ने आर्थिक रूप से पिछड़े मराठा, ब्राह्मण और मुस्लिमों को आरक्षण देने की वकालत की है. वोट बैक मजबूत करने के लिए शरद पवार ने आरक्षण की राजनीति शुरू कर दी है.