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महाराष्ट्र: 240 वॉल्ट के करंट से दो तेंदुओं की मौत, दो गिरफ्तार

आधी रात में एक तेंदुआ मरा हुआ पाया गया. तेंदुए का शरीर आधा जला हुआ था. बताया गया था कि तेंदुओं की मौत करंट लगने से हुई है लेकिन बिजली के तार का कहीं नामों निशान नहीं मिला. बारिश ज्यादा होने की वजह से सर्च ऑपरेशन रात में रोकना पड़ा.

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तेंदुआ मरा हुआ पाया गया
तेंदुआ मरा हुआ पाया गया

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महाराष्ट्र के बुलढाना जिले में जामठी रिजर्व फॉरेस्ट में दो तेंदुए अर्ध जली अवस्था में पड़े होने की सूचना वन विभाग को मिली. बुलढाना फॉरेस्ट रेंजर्स को शनिवार शाम को जानकारी मिलते ही वन विभाग कर्मियों ने शेखापुर के जंगल में सर्च ऑपरेशन शुरू किया. देर रात तक फॉरेस्ट रेंजर्स बारिश के मौसम में टॉर्च की मदद से मरे हुए तेंदुए की तलाश करते रहे.

रात में हुआ सर्च ऑपरेशन
आधी रात में एक तेंदुआ मरा हुआ पाया गया. तेंदुए का शरीर आधा जला हुआ था. बताया गया था कि तेंदुओं की मौत करंट लगने से हुई है लेकिन बिजली के तार का कहीं नामों निशान नहीं मिला. बारिश ज्यादा होने की वजह से सर्च ऑपरेशन रात में रोकना पड़ा. 'आज तक' से बातचीत में रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर श्री झोले ने पूरा मामला बयान किया. उन्होंने बताया कि शेखापुर कंपार्टमेंट नंबर 345 में दो तेंदुओं का शिकार हुआ है ऐसी खुफिया जानकारी हमें मिली. जिसके बाद हमने जंगल में छानबीन की तो हमें एक तेंदुए का शव मिला. जो आधा जला हुआ था और जो खुफिया जानकारी मिली थी वो करंट से मौत होने की थी.'

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करंट लगने से हुई तेंदुओं की मौत
रविवार की सुबह फिर एक बार फॉरेस्ट रेंजर ने सर्च मुहिम शुरू की. इस बार रेंजेर अधिकारियों को दो मादा तेंदुए अलग-अलग स्थानों पर अर्ध जली अवस्था में पड़े दिखाई दिए. जहां पास के ही एक खेत में फसलों की सुरक्षा हेतु तार फेंसिंग किए हुए थे. उसमें बिजली के खंभे से डायरेक्ट 240 वॉल्ट का करंट छोड़ा हुआ था. श्री झोले ने बताया कि तेंदुओं की मौत करंट लगने से ही हुई. जिन आरोपियों ने करंट लगाया था उन्होंने उन तेंदुओं को जलाने की कोशिश की थी. अभी जांच चल रही है और आरोपियों को ज्यादा से ज्यादा सजा हो इसलिए सबूत जुटाने में लगे हुए हैं.

फसल को जानवरों से बचाने के लिए बिजली का करंट
डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर श्री भगत ने 'आज तक' से बातचीत में चौकाने वाली जानकारी दी. भगत के अनुसार जामठी रिजर्व फॉरेस्ट 300 हेक्टर में फैला हुआ है. जिस जगह दो मादा तेंदुए जले हुए मिले उसी के पास करंट लगने से नील गाय भी मरी हुई पाई गई. नील गाय के शरीर पर तेंदुए के दांतों के निशान पाए गए. फॉरेस्ट अधिकारी के मुताबिक जैसे नील गाय का शिकार करने दोनों तेंदुए, नील गाय पर झपट पड़े उसी वक्त तीनों जानवर बिजली के हाई वोल्टेज करंट की चपेट में आ गए. किसान ने अपनी फसल को जंगली जानवरों, नील गाय, जंगली सुअर से बचाने के लिए बिजली के खंभे से 240 वॉल्ट का करंट खेत के कंपाउंड को दिया हुआ था.

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तेंदुओं के हत्या के मामले में 7 साल की जेल
तेंदुआ प्राणी शेड्यूल 1 का जंगली प्राणी है. शेड्यूल 1 प्राणी का शिकार करना, उसे मारना कानूनन अपराध है. जिसके लिए सात साल की सजा होती है. फॉरेस्ट अधिकारियों से ये भी जानकारी मिली है कि इस घटना को दबाने के उद्देश्य से किसानों ने तेंदुओं को जलाने का प्रयास किया. वरिष्ठ अधिकारीयों ने घटना स्थल पर पहुंच कर पंचनामा किया. बाद में घटना स्थल पर ही दोनों तेंदुओं का पोस्टमार्टम किया गया. इस मामले में दो संदिग्धों को वन विभाग ने गिरफ्तार करके धाड़ गांव के संडे कोर्ट में पेश किया. बुलढाना रेंज के अंतर्गत इससे पहले भी तीन तेंदुओं को जहर देकर मारने की घटनाएं हुई हैं. लेकिन वन विभाग को अभी तक आरोपियों को पकड़ने में सफलता नहीं मिली है.

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