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अंधविश्वास के नाम पर बेटों ने चढ़ाई मां की बलि

अंधविश्वास क्या न करवा दे? महाराष्ट्र के नासिक में दो बेटों ने अपनी मां की बलि इसलिए चढ़ा दी कि इससे उनका भाग्योदय हो जाएगा. महिला को पीट पीटकर मार दिया गया और ऐसा करने की इजाजत उसके अपने दो बेटों ने दी थी.

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अंधविश्वास क्या न करवा दे? महाराष्ट्र के नासिक में दो बेटों ने अपनी मां की बलि इसलिए चढ़ा दी कि इससे उनका भाग्योदय हो जाएगा.

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पिछले दो दिनों में घोटी पुलिस ने ठाणे जिले के मोखाडा निवासी बुद्धाबाई की मौत के सिलसिले में दोनों भाइयों सहित दस लोगों को गिरफ्तार किया है. नासिक जिले में घोटी पुलिस थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक सुरेश मनोरे ने मंगलवार को बताया कि यह हत्या दिवाली के करीब त्र्यंबकेश्वर तहसील में आदिवासी बहुल टाके हर्ष स्थान पर हुई.

पुलिस के मुताबिक काशीनाथ और गोविन्द डोरे अपनी परिस्थितियों से प्रसन्न नहीं थे और उन्होंने महिला तांत्रिक बच्ची बाई नारायण खडके (42) से परामर्श किया. इस तांत्रिक ने उन्हें सलाह दी कि उन्हें भाग्योदय के लिए अपनी मां और बहन की बलि देनी होगी. पुलिस ने बताया कि दोनों भाई बुद्धाबाई और अपनी बहन राहीबाई को महिला के पास ले गए. महिला ने बुद्धाबाई की पीट पीटकर जान ले ली जबकि राहीबाई बचकर भाग निकलने में कामायाब रही.

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महिला ने बाद में पीड़िता की आंखें निकाल ली और पास की एक ही जगह पर उसे दफना दिया. यह मामला कुछ दिन पहले तब प्रकाश में आया जब स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता भगवान माधे ने इस बारे में पुलिस को सतर्क किया. पुलिस ने इस महिला तांत्रिक को सोमवार को गिरफ्तार किया. उसने पूर्व में इसी तरह एक अन्य महिला की हत्या की बात भी स्वीकारी है.

इनपुट पीटीआई से

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