महाराष्ट्र के मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा क्षेत्र में EVM हैकिंग के आरोपों को लेकर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है. विजयी उम्मीदवार रवींद्र वायकर के परिजनों की ओर से ईवीएम को अनलॉक करने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल करने की खबरों पर मचे बवाल के बाद अब यूबीटी सेना मतगणना केंद्र पर कथित कदाचार और गड़बड़ी के खिलाफ याचिका दायर करने की तैयारी कर रही है.
यूबीटी सेना नेता आदित्य ठाकरे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की खबरें सामने आने के बाद चुनाव आयोग को पूरी तरह से समझौता करने वाली इकाई के रूप में जाना जाता है. इसके अलावा, यूबीटी सेना के एक अन्य नेता एडवोकेट अनिल परब ने कई आरोप लगाए हैं, जिससे यह मुद्दा और बढ़ गया है.
क्या है आपत्ति?
कुल मतों की संख्या निर्धारित करने के लिए बनाए गए फॉर्म 17 सी और 17 सी (भाग 2) मतगणना केंद्र में सभी को नहीं बांटे गए. इसलिए, दर्ज किए गए मतों की कुल संख्या में 650 मतों का अंतर है.
अनिल परब ने आरोप लगाया कि सहायक रिटर्निंग अधिकारी और हमारे मतगणना एजेंटों के बीच की दूरी सामान्य से बहुत अधिक है. इसलिए, हम उनकी ओर से दर्ज किए गए मतों की संख्या नहीं देख पाए. अन्य स्वतंत्र उम्मीदवारों की ओर से की गई शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने में लगभग 10 दिन लग गए, जिसमें जीतने वाले उम्मीदवार के रिश्तेदार द्वारा रोके गए क्षेत्र में मोबाइल ले जाने की बात कही गई थी.
शिंदे सेना के नेता संजय निरुपम ने आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि यह आम लोगों को गुमराह करने के लिए झूठी कहानी है साथ ही, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सवाल उठाया कि उन्होंने अपने उम्मीदवारों द्वारा जीते गए निर्वाचन क्षेत्रों से ईवीएम पर आपत्ति क्यों नहीं जताई.
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उठे इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ और विपक्षी गठबंधन दोनों ही एकमत हैं. हालांकि, यह टकराव राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक तापमान को बढ़ाता दिख रहा है.