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'फैसले से पहले स्पीकर-शिंदे की मुलाकात गलत', विधायकों की अयोग्यता पर फैसले से पहले उद्धव का SC में हलफनामा

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता को लेकर 10 जनवरी तक फैसला सुनाना है. उससे पहले उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है. इसमें कहा गया है कि फैसले से तीन दिन पहले स्पीकर और सीएम एकनाथ शिंदे की मुलाकात हुई थी, जोकि अनुचित है.

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उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया.
उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया.

शिवसेना विधायकों की अयोग्यता के मामले में अदाल के फैसले से पहले उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच हुई बैठक पर आपत्ति जताई गई है. इस मामले में 10 जनवरी को फैसला सुनाया जाना है.  

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जानकारी के मुताबिक, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 7 जनवरी (रविवार) को स्पीकर राहुल नार्वेकर की मुख्यमंत्री शिंदे से उनके आवास पर मुलाकात पर आपत्ति जताई है.   

ठाकरे ने अपने हलफनामे में कहा, "अयोग्यता याचिका पर निर्णय लेने से तीन दिन पहले स्पीकर का एकनाथ शिंदे से मिलना बेहद अनुचित है. स्पीकर को निष्पक्ष तरीके से कार्य करना आवश्यक है. हालांकि स्पीकर का वर्तमान कार्य निर्णय लेने की प्रक्रिया में उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठाता है." 

स्वीकार का कृत्य कानूनी सिद्धांत का उल्लंघन: उद्धव

उद्धव गुट ने कहा कि अध्यक्ष का वर्तमान कृत्य कानूनी सिद्धांत का उल्लंघन है कि न केवल न्याय किया जाना चाहिए, बल्कि देखा भी जाना चाहिए. हलफनामे में यह भी कहा गया है कि इसे रिकॉर्ड पर लाने और आदेश पारित करने के लिए बैठक को ध्यान में लाया जाना चाहिए. 

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महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर 10 जनवरी को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कई विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएंगे, जिनके विद्रोह से जून 2022 में शिवसेना टूट गई थी और उद्धव सरकार गिर गई थी.  

विधानसभा स्पीकर ने दी सफाई

वहीं इस मामले में विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि मैं तीन जनवरी को सीएम से मिलने वाला था, लेकिन मैं बीमार पड़ गया इसलिए उनसे 7 जनवरी को मुलाकात हुई थी. इसमें विधायिका बोर्ड, नरीमन प्वाइंट कोलाबा कनेक्टर, सीसी रोड, कफ परेड के सौंदर्यीकरण जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई. अगर मैं किसी और वजह से बोलता तो मैं खुलकर क्यों बोलता?
 

इस मामले में क्या-कब हुआ? 

  • सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाने की समय सीमा 31 दिसंबर 2023 तय की थी, लेकिन उससे कुछ दिन पहले 15 दिसंबर को कोर्ट ने 10 दिन की मोहलत देते हुए फैसले की नई तारीख 10 जनवरी तय की थी. 
  • जून 2022 में शिंदे और कई विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह कर दिया था, जिसके कारण शिवसेना विभाजित हो गई है महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी. एमवीए में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस पार्टी शामिल थी.  
  • शिंदे और ठाकरे गुटों द्वारा दलबदल विरोधी कानूनों के तहत एक दूसरे के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए याचिकाएं दायर की गईं. 
  • दोनों गुटों के पदाधिकारियों ने कहा कि स्पीकर के प्रतिकूल फैसले की स्थिति में वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. 
  • जून 2022 में विद्रोह के बाद एकनाथ शिंदे भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बने और उनकी सरकार में देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बने. 
  • बीते साल जुलाई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का अजित पवार गुट उनकी सरकार में शामिल हो गया था. 
  • चुनाव आयोग ने शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को 'शिवसेना' नाम और 'धनुष और तीर' प्रतीक दिया, जबकि ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट को शिव सेना (यूबीटी) कहा जाना था, जिसका प्रतीक एक जलती हुई मशाल थी.
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