नरेंद्र मोदी की सरकार जहां पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच को दोनों मुल्कों के बीच रिश्तों में गर्माहट की कुंजी मानकर चल रही है, वहीं महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने इस ओर तीखे तेवर अपना लिए हैं. पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि हम ऐसा खतरनाक खेल नहीं खेलना चाहते, जिसमें सीमा पर तैनात जवान जब पीछे मुड़ें तो उनके हाथ में बम हो और दूसरों के हाथ में गेंद.
दिलचस्प बात यह है शिवसेना प्रमुख का यह बयान ऐसे समय आया है, जब शनिवार को ही पाकिस्तानी क्रिकेट टीम वर्ल्ड टी20 चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने भारत पहुंची है.
उद्धव ने महाराष्ट्र के चंदरपुर में कहा कि गेंद और बम एक साथ नहीं फेंके जा सकते. उन्होंने कहा, 'सबसे बड़ा सवाल है कि क्या हमें ऐसे देश (पाकिस्तान) के साथ मैच खेलने की जरूरत है, जिसने हमारी पीठ पर छुरा घोंपा है.' शिवसेना प्रमुख ने आगे कहा, 'हम ऐसे खतरनाक खेल नहीं खेलना चाहते. सीमा पर जवान जब पीछे मुड़ेंगे तो देखेंगे कि उनके हाथ में बम और दूसरों के हाथ में गेंद है, जिससे पाकिस्तान के साथ खेला जा रहा है.'
विरोध के लिए वीरभद्र सिंह की तारीफ
शिवसेना प्रमुख ने इस मौके पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की तारीफ करते हुए कहा, 'मुझे खुशी है कि उन्होंने धर्मशाला में भारत-पाक मैच का विरोध किया.'
गौरतलब है कि पाकिस्तान की क्रिकेट टीम अपने नवाज सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद शनिवार को कोलकाता पहुंची है. पाकिस्तान का 27 सदस्यीय दल अबु धाबी से यहां पहुंचा. पिछले कई दिनों से वर्ल्ड टी20 में पाकिस्तान के खेलने को लेकर अनिश्चितता का महौल था.
पहले धर्मशाला में होना था मैच
बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच 19 मार्च को कोलकाता में मैच होना है. पहले यह मैच धर्मशाला में होना था, लेकिन सुरक्षा कारणों से इसे कोलकाता शिफ्ट कर दिया गया. मैच का विरोध करते हुए वीरभद्र ने कहा था कि पठानकोट आतंकी हमले के बाद लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए मैच स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए. यही नहीं, उन्होंने मैच को सुरक्षा मुहैया करवाने को लेकर भी हाथ खड़े कर दिए थे.