शिवसेना नेता संजय राउत के खिलाफ जहां एक तरफ प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा कसता जा रहा है. वहीं इसे लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने एकनाथ शिंदे के पार्टी तोड़कर जाने और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने को लेकर भी निशाना साधा है.
हिंदुओं को बचाने वाली पार्टी ही ना बचे...
उद्धव ठाकरे ने कहा-लोग डर और धमकियों की वजह से 'उधर' (एकनाथ शिंदे गुट) जा रहे हैं. ईडी संजय राउत के घर के बाहर है. ये कोश्यारी (राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी) के बयान का अगला चरण है. वो हिंदुओं को बांटना चाहते हैं, ताकि हिंदुओं और मराठियों को बचाने वाली कोई पार्टी ना बचे.
हो सकती है संजय की गिरफ्तारी...
उद्धव ठाकरे ने संजय राउत के गिरफ्तार होने का अंदेशा जताया है. उन्होंने कहा कि ये बेशर्म साजिश है. ये आवाजों का गला घोंटना है. मुख्य न्यायाधीश कहते हैं कि अपने राजनीति प्रतिद्वंदियों के साथ दुश्मन की तरह व्यवहार ना करें, लेकिन एक नया दौर शुरू हुआ है. क्या इस तरह लोकतंत्र की हत्या की जाएगी? वो इस तरह से कभी उनके सहयोगी रहे लोगों का गला घोंट रहे हैं. संजय राउत के साथ ईडी जो भी कार्रवाई कर रही है, ये उसका उदाहरण है. वो उन लोगों का गला घोंटना चाहते हैं जो हिंदुओं और मराठियों और शिवसेना के लिए आवाज उठा रहे हैं. इस साजिश को धराशायी करना जरूरी.
जारी है सियासी घमासान
महाराष्ट्र में सियासी घमासान खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. पहले एकनाथ शिंदे की लीडरशिप में शिवसेना के अंदर टूट हुई और महा विकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार गिर गई. इसके बाद एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ सरकार बना ली. बात यहां तक होती तो समझ आती, लेकिन इसके बाद बीते शुक्रवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के एक विवादित बयान देने के बाद राजनीतिक सरगर्मियां फिर बढ़ने लगी. कोश्यारी ने एक कार्यक्रम में कहा था कि मुंबई और ठाणे से गुजराती, राजस्थानी और पारसी लोग चले जाएं तो यहां कोई पैसा ही नहीं बचेगा और मुंबई आर्थिक राजधानी भी नहीं कहलाएगा. इस पर विपक्ष हमलावर हो गया और इसे मराठियों का अपमान बताया. वहीं एकनाथ शिंदे सरकार ने भी उनके बयान से किनारा कर लिया. इस बीच शिवसेना के बड़े नेता संजय राउत के खिलाफ ईडी ने भी अपनी जांच तेज कर दी है और उनके घर पर छापेमारी चल रही है.